10 साल की बच्ची के स्केच ने 'रेपिस्ट अंकल' को दिलाई सजा

aman
By aman
Published on: 14 Jun 2017 9:08 AM GMT
10 साल की बच्ची के स्केच ने रेपिस्ट अंकल को दिलाई सजा
X
PM के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुजुर्ग फ्रेंच महिला से रेप, आरोपी चौकीदार गिरफ्तार

नई दिल्ली: कम उम्र बच्चों के साथ रेप की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। कई मामलों में रेपिस्ट कभी पकड़ में नहीं आता। कारण, बाल मन उस व्यक्ति की पूरी तस्वीर बता पाने में अक्षम होता है। परिणाम ये होता है कि आरोपी छूट जाता है या कभी पकड़ में ही नहीं आता। लेकिन ताजा मामला बिलकुल अलग है।

इस केस में कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक रेप पीड़ित बच्ची के द्वारा बनाया स्केच एक ऐसा अहम सबूत साबित हुआ, कि उसने दो साल पहले हुई इस घटना में 'रेपिस्ट अंकल' को कोर्ट से 5 साल की सजा दिलवा दी।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरी खबर ...

क्या है मामला?

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक, मूलतः कोलकाता की रहने वाली यह रेप विक्टिम बच्ची अब 10 साल की हो गई है। वह स्कूल में पढ़ाई कर रही है। पारिवारिक परिस्थितियों के कारण 8 साल की उम्र की उसकी आंटी उसे कोलकाता से दिल्ली ले आई थीं। लेकिन आंटी के साथ रहने के दौरान ही उसके अंकल अख्तर अहमद ने उसका शारीरीक शोषण किया था। अख्तर अहमद को पिछले वर्ष जून महीने में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उसके वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि लड़की को 'सक्षम गवाह' नहीं माना जा सकता है।

कोर्ट ने स्केच को गवाह माना

मामले में उस समय अहम मोड़ आया जब रेप पीड़ित बच्ची ने एक पेपर पर काले रंग के क्रेयॉन से एक खाली घर का स्केच बनाया था। इस स्केच में हाथ में गुब्बारा लिए एक लड़की खड़ी थी, जिसके पास जमीन पर एक कपड़ा गिरा हुआ था। बच्ची ने इस स्केच को 'उदासहीन' रंगों से भरा था। सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने इसे लड़की की गवाही माना।

कोर्ट ने कहा- स्केच ही सबूत है

इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'यदि इस स्केच के तथ्य और केस की पृष्ठभूमि को देखा जाए, तो यह पता चलता है कि उसके घर में बच्ची के कपड़े उतारकर उसके साथ यौन शोषण हुआ है। इसके बाद उसके दिमाग पर जो असर हुआ है, वो स्केच द्वारा सबूत के रूप में पेश हुआ है।'

पीड़ित बच्ची को मिले 3 लाख रुपए

कोर्ट ने दोषी अख्तर अहमद पर 10,000 रुपए जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा पीड़ित बच्ची को 3 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story