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Shambhu Border: किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा तनाव, शंभू बॉर्डर पर पुलिस एक्शन से मौहाल गर्माया
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 7वें दौर की बातचीत के बाद, पंजाब पुलिस ने कई प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिनमें सरवन सिंह पंढेर, अभिमन्यु कोहाड़ और जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल हैं।
बॉर्डर से हटाए जा रहे प्रदर्शनकारी किसान (फोटो: सोशल मीडिया)
Farmer Protest: केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बुधवार को 7वें दौर की वार्ता हुई, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई अधिकारी शामिल रहे। वार्ता समाप्त होते ही पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार किए गए नेताओं में सरवन सिंह पंढेर, अभिमन्यु कोहाड़, जगजीत सिंह डल्लेवाल, सुखविंदर कौर, काका सिंह कोटड़ा और मनजीत राय समेत कई अन्य किसान नेता शामिल हैं।
इस बीच, पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर के आसपास इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच पुलिस ने किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी बसेरों को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया। पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के टेंट और अन्य ढांचों को ध्वस्त कर दिया और किसानों को भी वहां से हटाया जा रहा है। हिरासत में लिए गए नेताओं को बहादुरगढ़ कमांडो पुलिस ट्रेनिंग सेंटर ले जाया गया है।
क्या कहा पुलिस ने
पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पुलिस की कार्रवाई पर पटियाला के SSP नानक सिंह ने कहा, किसान लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। आज ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें उचित चेतावनी देने के बाद इलाके को खाली करा दिया। कुछ लोगों ने घर जाने की इच्छा जताई। इसलिए उन्हें बस में बैठाकर घर भेज दिया गया। इसके अलावा, यहां के ढांचे और वाहनों को हटाया जा रहा है। पूरी सड़क को साफ कर यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। हरियाणा पुलिस भी अपनी कार्रवाई शुरू करेगी। जैसे ही उनकी तरफ से रास्ता खुलेगा, हाईवे पर आवाजाही फिर से शुरू हो जाएगी। हमें किसी भी तरह का बल प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि कोई विरोध नहीं हुआ। किसानों ने अच्छा सहयोग किया और वे खुद ही बसों में बैठ गए।"
सियासी बयानबाजी तेज
इस पुलिस कार्रवाई को लेकर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने पंजाब और केंद्र सरकार पर किसानों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि भगवंत मान ने दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद किसानों के आंदोलन को खत्म करने की रणनीति बनी। चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र के इशारे पर काम कर रही है और किसानों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और पंजाब सरकार मिलकर किसानों को आंदोलन खत्म करने के लिए मजबूर कर रही हैं।
सरकार ने कहा- हाईवे बंद करने से हो रहा नुकसान
वहीं, पंजाब के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंध ने पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हाईवे बंद होने से पंजाब को भारी नुकसान हो रहा था, व्यापार और रोजगार प्रभावित हो रहे थे, इसलिए सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि सरकार हमेशा किसानों के समर्थन में रही है, लेकिन हाईवे खुला रहना जरूरी है।
राकेश टिकैत बोले- किसानों के साथ विश्वासघात
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसान संगठनों के साथ वार्ता कर रही है और दूसरी तरफ उनके नेताओं को गिरफ्तार कर रही है। टिकैत ने इसे विश्वासघात करार देते हुए कहा कि सभी किसान संगठन इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार हैं।