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नई पीढ़ी तनाव दूर करने के लिए बरतें सावधानी, अपनाएं ये टिप्स

Newstrack
Published on: 2 Feb 2018 6:50 AM GMT
नई पीढ़ी तनाव दूर करने के लिए बरतें सावधानी, अपनाएं ये टिप्स
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नई दिल्ली: हाल ही सर्च इंजन गूगल की ओर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक लोगों ने गूगल से तनाव से बाहर निकलने के रास्ते के बारे में सवाल किए। यह वाकई चौंकाने वाला है। इससे पता चलता है कि कितने लोग तनाव में रहते हैं और इससे दूर होना चाहते हैं। एक्सपट्र्स की मानें तो असल में वर्तमान जेनरेशन को स्ट्रेस जेनरेशन भी कह सकते हैं। नई पीढ़ी के युवा रात में तनाव के कारण सो नहीं पा रहे हैं। अगर हम तनाव के कारणों पर जाएं तो अपर्याप्त आराम और काम के भारी दबाव के कारण ज्यादातर लोग तनाव में हैं। इस तनाव को दूर करने के लिए आपको सजग रहना होगा। थोड़ी सी सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। जानते हैं कि आप किस तरह तनाव से दूर रह सकते हैं।

बनाएं डेली प्लान : कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि उन्हें उठते ही तनाव होने लगता है। अगर आप रोज सुबह उठकर अपने स्ट्रेस को काबू में रखने का प्लान नहीं बनाएंगे तो गड़बड़ शुरू हो जाएगी। काम में डूबे रहने वाले लोगों के लिए मी-टाइम यानी खुद के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। इस समय में वे केवल अपने लिए ही सोचें और अपने पर ही ध्यान दें। इसमें सुबह उठकर दौड़ लगाना, हंसना और खुद के अंदर खुशी खोजने का प्रयास करना भी जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप उन कार्यों के लिए मना करना सीखें जिन्हें करने में आपको खुशी न मिले और तनाव पैदा हो। अगर आपकी प्लेट पूरी भरी है तो आपको मना करना ही होगा। अगर आपको अपने जीवन में ज्यादा काम करने हैं तो आपको खुद को थोड़ा धीमा करना ही पड़ेगा। वहीं काम करें जो जरूरी हो। अनावश्यक कामों से दूर रहें।

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दोस्तों के लिए टाइम निकालें : स्ट्रेस कंट्रोल एक्सपर्ट जॉर्डन फ्रेडमैन का कहना है कि तनाव कम करने के हमारे प्रयास ईजी-टू-एक्सेस होने चाहिए। ऐसी चीजें करनी चाहिए जो शेड्यूल और रुचि के साथ फिट बैठ सकें। ये छोटे-छोटे काम हो सकते हैं जैसे कि दोस्त से बात कर सकते हैं। कई बार गप्पें मारना भी आपको राहत देता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि दोस्त ऐसे न हों जो आपकी भावनाओं का मजाक उड़ाएं या कोई दर्द दें। अगर खाली समय है तो कोई मजेदार वीडियो देख सकते हैं। अपने ब्लॉक में गहरी सांस लेते हुए घूम सकते हैं। स्ट्रेस मैनेजमेंट को डॉक्टर से मिलने की तरह प्राथमिकता देनी होगी। लोग तनाव के लिए बाहरी कारकों को जिम्मेदार मानते हैं, जबकि तनाव आपके विचारों पर निर्भर होता है। इस बाबत सतर्कता जरूरी ताकि तनाव से बचा जा सके।

खुद को शांत रखें : इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपको जब भी तनाव हो तो तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें। इससे तुरंत ही नुकसान होता है। इसलिए कदम पीछे लें, स्थितियों के बारे में विचार करें और काम पूरा करें। इसके बाद ही अपनी प्रतिक्रिया दें। जिन चीजों को आप कंट्रोल नहीं कर सकते हैं, उनके बारे में दिमाग दौड़ाना बंद कर दें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका दिमाग खुद सामान्य महसूस करना चाहता है। इसलिए दिमाग को शांत रखने का प्रयास करें। यह भी जानकारी होनी चाहिए कि खास आपके लिए क्या चीज तनाव दूर करने वाली हो सकती है। तनाव होने पर आप ताजा हवा में भी जा सकते हैं। कुछ लोग तो अपनी कुछ हॉबी वाली चीजें करने लगते हैं जैसे की कुछ खेलना या कुकिंग आदि।

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स्थिति को समझें : वर्ष 2016 में नीलसन संस्था की ओर से 21 देशों की 6500 महिलाओं पर एक सर्वे वूमन ऑफ टुमारो किया गया। इस रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में भारतीय महिलाएं सबसे ज्यादा तनाव में हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों को महत्वपूर्ण और अनिवार्य समस्याओं के अंतर को समझना होगा। शोर मचाने वाले पड़ोसी, कमजोर कम्युनिकेशन स्किल्स, ट्रैफिक में फंसना आदि समस्याएं कुछ समय के लिए जरूरी लगती हैं। यही वजह है कि किसी परिस्थिति के बजाय शरीर में पैदा होने वाली प्रतिक्रिया से तनाव पैदा होता है। यह हम पर निर्भर है कि हम तनाव को कैसे लेते हैं। अगर आप छोटी-छोटी चीजों पर भी तनाव लेने लगते हैं तो इसका ही असर शरीर पर पड़ता है। इन मूल बातों को समझकर आप तनाव को कंट्रोल कर इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।

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