TRENDING TAGS :
पंजाब में पाक की खालिस्तानी साजिश, डीजीपी ने बताया आईएसआई का हाथ
दुर्गेश पार्थसारथी
चंडीगढ़। पाकिस्तान आतंक की आग में झुलस चुके पंजाब को एक बार फिर आतंक की आग में झोंकने की फिराक में है। पिछले दो सालों में पंजाब के विभिन्न शहरों में हिन्दू, जैन व ईसाई धर्म से संबंधित प्रमुख लोगों की हत्याओं व कई जिलों में लग रहे खालिस्तान समर्थक पोस्टर इसी बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि सरहद पार बैठे आतंकी संगठन कश्मीर में अपने मंसूबों को कामयाब होता न देख सीमावर्ती राज्य पंजाब के खालिस्तान समर्थक आतंकियों को मोहरा बनाकर अशांति फैलाने की फिराक में हैं। अपना भारत ने 11 अगस्त 2017 के अंक मे पंजाब में फिर पनपने लगी आतंक की बेल शीर्षक से प्रकाशित स्टोरी में सीमा पार से पंजाब का माहौल खराब होने की आशंका जताई थी।
इन वारदातों से पैदा हुआ पंजाब में तनाव
17 अक्टूबर को लुधियाना के कैलाशनगर स्थित गगनदीप कॉलोनी इलाके में शाखा लगाकर आ रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मोहन शाखा के मुख्य शिक्षक व भाजपा की आरटीआई सेल के जिला संयोजनक रविंदर गोसाई की सुबह 7 बजे मोटरसाइकिल सवार नकाबपोश युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। आरएसएस शिक्षक की हत्या के बाद पंजाब में तनाव का माहौल बन गया। यहां तक कि पंजाब के हुसैनीवाला बार्डर पर बीएसएफ के कार्यक्रम में आए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले को सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने उठाया और इस मामले की गहराई से जांच कर दोषियों को दंडित करने को कहा।
यह भी पढ़ें:महाराष्ट्र: ठाणे में इमारत ढही, कई लोगों के दबे होने की आशंका
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले साल अगस्त में जालंधर में आरएसएस के पदाधिकारी व सेना से रिटायर्ड ब्रिगेडियर गगनेजा की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिछले दो सालों में आरएसएस के सह संघ चालक जगदीश गगनेजा, नामधारी समुदाय के पूर्व सतगुरु जगजीत सिंह और पादरी सुल्तान मसीह की हुई हत्या का तरीका भी यही बता रहा है कि इन चारों वारदातों को अंजाम देने वाला एक गैंग हो सकता है जो पंजाब का माहौल खराब करना चाहता है।
डीजीपी ने बताया आईएसआई का हाथ
पंजाब में पिछले दो सालों में छह हिंदू नेताओं व एक पादरी की हत्या हुई है। डीजीपी ने आरएसएस शिक्षक रविंदर गोसाई की हत्या के करीब एक माह बाद 7 नवंबर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि इन हत्याओं के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसएआई का हाथ है। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को पकड़ा है। । उन्होंने कहा कि पकड़े गए लोगों में से दो लंबे समय से इंग्लैंड में रह रहे थे। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि आईएसआई ने पंजाब में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश रची थी। यह साजिश विभिन्न देशों में रची गई थी। उन्होंने कहा कि हत्यारों को हथियार पहुंचाने का काम नाभा जेल में बंद धरमिंदर घुघनी ने किया। उसे भी गिरफ्तार किया गया है।
विदेश में दी गयी ट्रेनिंग
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने खुलासा किया कि चार साजिशकर्ताओं से पूछताछ में जो निकलकर आया है उसके मुताबिक वे विदेश में विभिन्न स्थानों पर मिले और वहीं उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। सभी साजिशकर्ता पाकिस्तान व कुछ पश्चिमी देशों में स्थित हैंडलर के साथ संचार के लिए मोबाइल सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हत्याएं पूर्ण रूप से सुनियोजित थीं।
साजिश के पीछे एक ही संगठन है। हमलावार हत्या के बाद अपने पीछे कोई निशान नहीं छोड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि दुर्गादास, जालंधर के ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा व अमित शर्मा मामले में एक जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। फरवरी 2017 में डेरा के अनुयायी सतपाल कुमार और उनके बेटे की हत्या व खन्ना में शिवसेना नेता की हत्या में एक ही तरह की पिस्तौलों का इस्तेमाल किया गया। डीजीपी ने पुलिस टीम को सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि एक बार तो पुलिस को भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है क्योंकि अपराधी कोई लिंक नहीं छोड़ रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ब्रिगेडियर गगनेजा के कत्ल का केस सीबीआई को सौंपा था, लेकिन इसे पंजाब पुलिस ने ही सुलझा लिया।
पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे
हिन्दू नेताओं की हत्या कर पंजाब को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश के आरोपों में पकड़े गए रमनदीप ने खुलासा किया कि वह छह हत्याओं का मुख्य शूटर रहा है। जालंधर में आरएसएस नेता व पूर्व ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा व आरएसएस के ही रविंदर गोसाई के अलावा पादरी सुल्तान मसीह व खन्ना में डेरा प्रेमी पिता-पुत्र की हत्या भी उसी ने की थी। रिमांड के दौरान जिला लुधियाना निवासी रमनदीप ने बताया कि उसने ही 2016 में हिंदू नेता अमित शर्मा और फरवरी 2017 में खन्ना के पास डेरा सच्चा सौदा प्रेमी सतपाल कुमार और उसके पुत्र को गोली मारी थी। इसके बाद उसने जुलाई 2017 में लुधियाना में पादरी सुल्तान मसीह को भी गोली उसी ने मारी थी।
इसके पीछे रमनदीप के दो मकसद थे। पुलिस की मानें तो पंजाब में सांप्रदायिक दंगे भड़काने और पंजाब सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से खालीस्तानी समर्थकों ने सोची समझी साजिश के तहत हिंदू नेताओं की हत्याओं के लिए रमनदीप सिंह का सहारा लिया था। इसके लिए रमनदीप को पैसा भी हवाला के जरिये दिया गया। रमनदीप ने पुलिस को बताया कि वह एक अच्छा शूटर होने साथ-साथ कुशल ड्राइवर भी है। पाकिस्तान के कई नेताओं से भी उसके रिश्ते हैं। हिन्दू नेताओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों ने एक अंग्रेज शूटर का हुलिया भी पुलिस को बताया है। कयास लगाया जा रहा है गगनेजा की हत्या में उसी अंग्रेज शार्प शूटर का इस्तेमाल खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स ने किया था।
पाक साजिश की कडिय़ां खुलीं
पुलिस जांच का क्रम जैसे-जैसे गति पकड़ता जा रहा है वैसे-वैसे पाकिस्तानी साजिश की नई-नई कडिय़ा जुड़ती जा रही हैं। जांच में सामने आया है कि रमनदीप अपने लैपटाप से कनाडा में बैठे आतंकियों व आईएसआई एजेंटों से बात करता था और जिन नेताओं को टारगेट करना होता था उन नेताओं की लिस्ट कनाडा भेजता था। आरएसएस नेता रविंदर गोसाई, सुल्तान मसीह और हिंदू नेता अमित शर्मा की हत्या से पहले बकायदा रेकी कर उनकी लिस्ट कनाडा में बैठे आतंकियों को भेजी गई थी। यही नहीं पुलिस को गुमराह करने के लिए वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे बाइक ऐसी जगह छोड़कर फरार हो जाते थे कि पुलिस को पता ही न चले कि हत्यारे कहां गए।
ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या के आरोप में पकड़े गए एनआरआई जगतार सिंह करीब डेढ़ माह तक पंजाब में रहा और इस दौरान पंजाब में बैठे कुछ गर्मख्यालियों के साथ उसकी मुलाकात भी हुई। खुफिया एंजेंसियों का मानना है कि एनआरआई जगतार की शादी में इंगलैंड के अलावा कनाडा और इटली से खालिस्तानी समर्थक आए थे। रविन्द्र गोसाई की हत्या के आरोपी दिल्ली और लुधियाना से पकड़े गए।
पुलिस इन आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाएगी ताकि इनके खतरनाक मंसूबों व खलिस्तान लिबरेशन फोर्स और आईएसआई से संबंधों का खुलास हो सके। पंजाब पुलिस अब यह तलाश कर रही है कि हथियारों को खरीदने के लिए पैसे कहां से आए। रिमांड के दौरान पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर तीन पिस्तौल और कई कारतूस बरामद किए। जांच एजेंसियों का मानना है कि हथियार खरीदने के लिए आईएसआई केएलएफ के जरिए गैंगस्टरों तक पैसा पहुंचाती थी। कयास लगाया जा रहा है कि यह हथियार उत्तर प्रदेश से खरीदे गए थे। इधर दिल्ली से पहुंची एनआईए की टीम भी आरोपियों से पूछताछ कर केएलएफ व आईएसआई का कनेक्शन जोडऩे में लगी है।
पाकिस्तान में लगा भिंडरावाले का पोस्टर
इसी महीने श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब गई सिख संगत का पाकिस्तान में भव्य स्वागत हुआ। धर्म की आड़ में वहां पाकिस्तान अपनी नापाक करतूतों से बाज नहीं आया। वहां से आई खबरों के मुताबिक पाकिस्तान में सिख संगत की सेवा के नाम पर खालिस्तान समर्थक गर्म ख्यालियों के साथ मिलकर आईएसआई ने खालिस्तान की मांग करने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले का जगह-जगह पोस्टर लगाकर सिखों को उकसाने से बाज नहीं आया। यही नहीं गर्मख्याली सिख संगत की आवभगत में भी पाकिस्तान ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
कहीं इसमें भी तो पाक का हाथ नहीं
कहीं ऐसा तो नहीं कि कनाडा, इंगलैंड, जर्मनी, इटली व पाकिस्तान सहित अन्य देशों में बैठे गर्म ख्यालियों साथ मिलकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई खालिस्तान जिंदाबाद के नारों से संबंधित पोस्टर लगाकर पंजाब में दहशत तो नहीं फैला रही हैं। इस साल पिछले चार महीनों में पंजाब के सीमावर्ती जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन व मोगा में खालिस्तान जिंदाबाद व रेफ्रेंडम 2020 के नारों का पोस्टर लगाया गया था। पिछले माह अक्टूबर में स्वर्ण मंदिर के आसपास की दीवारों व अमृतसर के पॉश इलाकों सहित ऐतिहासिक खालसा कॉलेज व गुरुनानक देव विश्वविद्यालय की दीवारों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिख कर हिन्दू व सिखों के बीच दहशत व दरार डालने की कोशिश की गई थी।