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Terrorist in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में हिंदूओं में खौफ, बढ़ती जा रही टार्गेटेड किलिंग, दहशत में हिंदू परिवार

Terrorist in Jammu Kashmir: घाटी में इस साल जनवरी से अब तक कम से कम 16 लक्षित हत्याएं हुई हैं। कुलगाम जिले में एक कश्मीरी पंडित टीचर की हत्या इस सिलसिले में हुआ ताजा कांड है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 1 Jun 2022 11:30 AM IST
Terrorist in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में हिंदूओं में खौफ, बढ़ती जा रही टार्गेटेड किलिंग, दहशत में हिंदू परिवार
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Terrorist in Jammu Kashmir: कश्मीर घाटी में इस साल जनवरी से अब तक पुलिस अधिकारियों, शिक्षकों और सरपंचों सहित कम से कम 16 लक्षित हत्याएं हुई हैं। कुलगाम जिले में एक कश्मीरी पंडित टीचर की हत्या(murder Kashmiri Pandit teacher) इस सिलसिले में हुआ ताजा कांड है। इस घटना को जोड़ कर देखें तो सिर्फ मई महीने में आतंकी हमलों की सात वारदातें हुई हैं। बीते अप्रैल में लोकसभा में सरकार ने बताया था कि पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के 34 लोगों को आतंकवादियों ने मार डाला।

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीर में पुनः बसाए गए कश्मीरी पंडितों(Kashmiri Pandit) ने कश्मीर घाटी से बड़े पैमाने पर पलायन करने की धमकी दी है। कश्मीरी पंडितों के एक नेता ने कहा है कि घाटी में आतंकवादियों द्वारा हिंदूओं की 22 हत्याएं की गई हैं और 14 से अधिक लोग घायल हुए हैं। चार मंदिरों पर हमला किया गया है। कुलगाम में टीचर की हत्या (murder Kashmiri Pandit teacher) के बाद कश्मीरी हिंदुओं के संगठन सोन कश्मीर ने मशहूर क्षीर भवानी मेले के लिए यात्रा रद कर दी है।

हत्याओं के सिलसिला

कश्मीर में टार्गेटेड हत्याओं (targeted killings in Kashmir) का सिलसिला फरवरी 2021 के बाद तेज हो गया, जब श्रीनगर में कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे को उसके रेस्तरां के अंदर गोली मार दी गई। 5 अक्टूबर 2021 को प्रमुख केमिस्ट एमएल बिंदू की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई।

दो दिन बाद, गवर्नमेंट बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल, संगम के प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और स्कूल के शिक्षक दीपक चंद को हमलावरों ने स्कूल स्टाफ के पहचान पत्र की जाँच के बाद गोली मार दी थी। 4 अप्रैल को कश्मीरी पंडित समुदाय से आने वाले बाल कृष्ण की चौतीगाम शोपियां में उनके घर के पास संदिग्ध आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

हाल ही में, जम्मू-कश्मीर के राजस्व विभाग के एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी को चदूरा, बडगाम में उनके कार्यालय के अंदर गोली मार दी गई थी। राहुल नामक ये कर्मचारी पीएम पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे थे।

25 मई को, एक कश्मीरी टीवी अभिनेता को उसके घर के अंदर कई बार गोली मारी गई थी। 31 मई को सांबा की एक शिक्षिका, रजनी बाला, हत्याओं की इस घटना का सबसे हालिया शिकार बन गई। संदिग्ध आतंकवादियों ने कुलगाम के एक स्कूल में उस पर हमला किया था।

हिंदूओं पर अत्याचार (फोटो-सोशल मीडिया)

इस साल की शुरुआत से अब तक तीन सरपंचों समेत पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। कम से कम तीन मामलों में, जम्मू-कश्मीर के बाहर के मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया गया। घाटी में अनंतनाग, श्रीनगर, पुलवामा और कुलगाम जिलों से सबसे ज्यादा हत्याओं की सूचना मिली थी। 2017 में ऐसी 11 हत्याओं को रिकॉर्ड किया गया।

डर का प्रचार

दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि अल्पसंख्यकों, नागरिकों और सरकार में लोगों को निशाना बनाने वाले "केवल डर का प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि स्थानीय निवासियों ने उनके फरमान का जवाब देना बंद कर दिया है।

उन्होंने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों और समाज के विभिन्न वर्गों के सदस्यों पर हमला करके, आतंकवादी अपनी उपस्थिति दिखाना चाहते हैं। सुरक्षा बलों ने इन हत्याओं में पिस्तौल के इस्तेमाल को भी हाईलाइट किया है। पिस्तौल को आसानी से छुपाया और ले जाया जा सकता है।

पुलिस का कहना है कि ये कृत्य नए भर्ती किए गए आतंकवादियों या आतंकवादी रैंकों में शामिल होने वाले लोगों द्वारा किए गए हैं। कुछ मामलों में, ओवरग्राउंड वर्कर सीधे तौर पर शामिल पाए गए हैं। ओवरग्राउंड वर्कर वे हैं जो छिपे नहीं हैं और सामने वारदातों को अंजाम देते हैं।



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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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