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J&K DG Murder Case: इस खूंखार आतंकी संगठन ने डीजी लोहिया की हत्या की ली जिम्मेदारी, कहा - गृह मंत्री के दौरे से पहले गिफ्ट

J&K DG Murder Case: आतंकियों ने केंद्र शासित प्रदेश के डीजी जेल हेमंत लोहिया की गला रेतकर हत्या कर दी। इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।

Krishna Chaudhary
Published on: 4 Oct 2022 9:02 AM IST
Terrorist organization The Resistance Front took responsibility for the killing of DG Lohia
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जम्मू: आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने डीजी लोहिया की हत्या की ली जिम्मेदारी: Photo- Social Media

Jammu News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) दो दिवसीय जम्मू कश्मीर के दौरे को लेकर जम्मू पहुंच चुके हैं। आज यानी मंगलवार 4 अक्टूबर को वे सबसे पहले वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple) में पूजा–अर्चना करेंगे। उनके जम्मू पहुंचने से ऐन पहले आतंकियों ने एक खौफनाक वारदात को अंजाम दिया है। केंद्र शासित प्रदेश के डीजी जेल हेमंत लोहिया (DG Jail Hemant Lohia murder) की सोमवार देर रात उनके ही घर में गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस वीभत्स हत्याकांड की जिम्मेदारी घाटी में सक्रिय खूंखार आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front)(टीआरएफ) ने ली है।

आतंकी संगठन ने बकायदा खत लिखकर सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है। टीआरएफ ने बयान जारी कर कहा कि हमारे स्पेशल स्क्वायड ने जम्मू के उदयवाड़ा में खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देते हुए डीजी पुलिस जेल एचके लोहिया की हत्या कर दी। आतंकी संगठन ने आगे खत में और परेशान कर देने वाली बात लिखी है। उसने कहा कि यह हाईप्रोफाइल ऑपरेशऩ्स की शुरूआत है। यह हिंदुत्व शासन और उनके सहयोगियों को चेतावनी है कि हम कहीं भी किसी पर भी हमला करने में सक्षम हैं।

टीआरएफ ने कहा कि यह गृह मंत्री को उनके दौरे से पहले छोटा सा गिफ्ट है। हम भविष्य में भी ऐसे ऑपरेशंस जारी रखेंगे। दरअसल, टीआरएफ का पीपुल्स एंटी फासिस्ट फोर्स नया आतंकी संगठन है। इसने हाल ही में कश्मीर में गैर प्रवासियों को मौत के घाट उतारा है। वहीं, हत्याकांड के बाद से डीजी जेल के घर काम करने वाला नौकर फरार है। ऐसे में माना जा रहा है कि उक्त नौकर टीआरएफ से संबंध रखता होगा।

क्या है द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)

द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को जम्मू कश्मीर समेत देशभर में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाला कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा माना जाता है। यह आतंकी संगठन उस समय अस्तित्व में आया जब केंद्र सरकार ने साल 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। बताया जाता है कि इसे लश्कर के टॉप तीन आतंकियों ने पाकिस्तान की मदद से खड़ा किया है।

पाकिस्तान समर्थित आतंकवादा का नया चेहरा

लश्कर की गतिविधियों से ध्यान हटाने के लिए घाटी में इस नए संगठन की शुरूआत की गई। तब से अबतक इसने कई गैर–स्थानीय लोगों को निशाना बनाया है। इसलिए इस संगठन को कश्मीर घाटी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादा का नया चेहरा माना जाता है।

हाल ही में टीआरएफ ने एक धमकी भरा पत्र जारी करते हुए कहा था कि यदि घाटी में सिनेमा और स्पोर्ट्स जैसी चीजों को बढ़ावा देने की कोशिश की जाती है या मनोरंजन के नाम पर गंदगी फैलाई जाती है तो इसके खिलाफ हमले किए जाएंगे।



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Shashi kant gautam

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