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पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट बड़ा फैसला, नाबालिग आरोपित को मिली जमानत

Pune Porsche Crash: इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम याचिका को स्वीकार करते हैं और उसकी रिहाई का आदेश देते हैं। सीसीएल (कानून से संघर्षरत बच्चा) याचिकाकर्ता (पैतृक चाची) की देखभाल और हिरासत में रहेगा।

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Newstrack Network
Published on: 25 Jun 2024 4:31 PM IST (Updated on: 25 Jun 2024 4:36 PM IST)
Pune Porsche Crash
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Pune Porsche Crash (सोशल मीडिया) 

Pune Porsche Crash: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को पोर्श कार दुर्घटना के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने दुर्घटना से जुड़े आरोपित 17 वर्षीय लड़के को तत्काल निगरानी गृह से रिहा करने का आदेश जारी किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे और मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) की नाबालिग को निगरानी गृह में भेजने के आदेश को रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने दी रिहाई का आदेश

इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम याचिका को स्वीकार करते हैं और उसकी रिहाई का आदेश देते हैं। सीसीएल (कानून से संघर्षरत बच्चा) याचिकाकर्ता (पैतृक चाची) की देखभाल और हिरासत में रहेगा,क्योंकि कि उसके माता-पिता और दादा को गिरफ्तार किया गया है। पीठ ने कहा कि जेजेबी के रिमांड आदेश अवैध थे और बिना अधिकार क्षेत्र के पारित किए गए थे।

उम्र का नहीं किया गया विचार

अदालत ने कहा कि दुर्घटना की तत्काल प्रतिक्रिया, लोगों की प्रतिक्रिया और सार्वजनिक आक्रोश के बीच सीसीएल की उम्र पर विचार नहीं किया गया। पीठ ने कहा, सीसीएल 18 वर्ष से कम आयु का है। उसकी उम्र पर विचार किया जाना चाहिए। अदालत कानून, किशोर न्याय अधिनियम के उद्देश्यों और उद्देश्यों से बंधी हुई है और उसे अपराध की गंभीरता के बावजूद वयस्क से अलग कानून के साथ संघर्ष करने वाले किसी भी बच्चे के रूप में मानना चाहिए। सीसीएल पर अलग तरीके से विचार किया जाना चाहिए।

मौसी ने कोर्ट ने दायर की याचिका

17 वर्षीय लड़के की मौसी ने कोर्ट ने एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया कि सड़क दुर्घटना मामले में बालक को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था और उसकी तत्काल रिहाई की मांग की। लड़के की मौसी ने याचिका में दावा किया कि राजनीतिक एजेंडे के साथ सार्वजनिक हंगामे के कारण, पुलिस नाबालिग लड़के के संबंध में जांच के सही तरीके से भटक गई, जिससे किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम का पूरा उद्देश्य विफल हो गया।

जानिए 19 मई को पुणे में क्या हुआ था?

बता दें कि 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में पोर्श कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी। इसमें बाइक सवार दो आईटी इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी। मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि पोर्श कार को 17 वर्षीय किशोर चला रहा था, जो घटना के वक्त नशे में था। हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने किशोर को घेर लिया था और उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। इसके बाद उस बार के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे, जहां किशोर ने शराब पी थी। हालांकि किशोर न्याय बोर्ड ने निबंध के आधार लड़के को जमानत दे थी। इसकी चर्चा पूरे देश हुई थी। 22 मई को लड़के को हिरासत में लेने और अवलोकन गृह में भेजने का आदेश दिया गया।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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