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राजधानी के लिए अगले 48 घंटे बेहद कठिन, एयरलॉक से मौसम खराब
नई दिल्ली : राजधानी में प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। नौबत यहां तक आ पहुंची है कि दिल्ली-एनसीआर और इसके आस पास के इलाकों में 12 नवंबर तक एयरलॉक बने रहने की संभावना जताई जा रही है। इस स्थिति के लिए पराली जिम्मेदार माना जा रहा है।
मालूम हो कि एयरलॉक उस स्थिति को कहते हैं, जब कमजोर हवा प्रदूषक तत्वों की वजह से और कमजोर पड़ जाए। इस दौरान प्रदूषण भी खतरनाक से इमरजेंसी स्तर पर बना रहता है।
दिवाली के फौरन बाद अब पंजाब- हरियाणा में पराली जलाने का काम तेजगति से शुरू हो गया है। सैटलाइट से ली गई तस्वीरों के आधार पर आईएमडी ने दावा किया है कि 8 नवंबर को सीजन की सबसे अधिक पराली जलाई गई है। इस दौरान 2100 स्थानों पर पराली जलाई गई। यह दिवाली के दिन पराली जलाने से 4 गुना ज्यादा और 10 गुना बड़ी आग थी।
हवा की गुणवत्ता और मौसम की भविष्यवाणी व्यक्त करने वाली संस्था सफर दावा कर रहा है कि 9 और 10 नवंबर को भी पंजाब और हरियाणा में बड़ी संख्या में पराली जलाई गई है। सेफ (सोशल ऐक्शन फॉर फॉरेस्ट ऐंड एनवायरनमेंट) के फाउंडर विक्रांत तोंगड के मुताबिक़ इस बार 15 नवंबर के बाद भी पराली जलेगी। पिछली बार से अधिक पराली इस बार जल चुकी है। इसकी वजह यह है कि एनजीटी इस बार ज्यादा सक्रिय नहीं रहा।
तापमान 30 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान
इस बार सर्दियों की शुरुआत समय से पहले ही हो गई है। लेकिन प्रदूषण ने इसमें ब्रेक लगा दिया है। हवा में मौजूद केमिकल और पीएम 10 और 2.5 के कण सूर्य की गर्मी को वापस लौटने नहीं दे रहे हैं। यह स्थिति 13 नवंबर तक रह सकती है। अधिकतम तापमान बढ़कर 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री पहुंच सकता है। 13 नवंबर को बारिश के बाद ही सर्दी पर लगा ब्रेक कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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