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होली का खतरनाक रंग: रहें सावधान, अप्रैल में तबाही मचा सकता है कोरोना

डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि होली पर शारीरिक दूरी के नियमों का कितना पालन हो पाया है इसका पता तीन अप्रैल को चलेगा।

Shreya
Published on: 31 March 2021 4:09 AM GMT (Updated on: 31 March 2021 4:11 AM GMT)
होली का खतरनाक रंग: रहें सावधान, अप्रैल में तबाही मचा सकता है कोरोना
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होली का खतरनाक रंग: रहें सावधान, अप्रैल में तबाही मचा सकता है कोरोना (फोटो- सोशल मीडिया)

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली: कोरोना के साथ ही कोरोना के बाद भी यानी जिन्हें कोरोना हो गया है वह खुद मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रहें। उनके साथ जो लोग हैं चाहे वह कोरोना पाजिटिव हैं या निगेटिव वह भी मास्क लगाकर डिस्टेंसिंग मेंटेन करें। इसके अलावा जिनकी अब तक कोरोना से मुलाकात नहीं हुई है उनके लिए तो परम आवश्यक है इन नियमों का पालन। अंत में वह लोग जो इस बीमारी से जंग जीत चुके हैं। वह भी इसका पालन करें। जो लोग टीका लगवा चुके हैं वह भी इसका पालन करें।

कोविड-19 ने बदली पूरी दुनिया का व्यवस्था

दरअसल कोविड-19 ने पूरी दुनिया की व्यवस्था बदल दी है। इसका पालन करने में ही समझदारी है। गंभीर बात यह है कि होली तो सबने जमकर खेल ली। बंदिशों के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने मास्क व सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया। तो अगर अब तक उनमें कोरोना के लक्षण प्रकट नहीं हुए हैं तो बहुत खुश होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के हेड डा. सूर्यकांत का कहना है कि होली पर शारीरिक दूरी के नियमों का कितना पालन हो पाया है इसका पता तीन अप्रैल को चलेगा।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

तीन अप्रैल से बढ़ सकती है कोरोना संक्रमितों की संख्या

डा. सूर्यकांत का कहना है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने और शारीरिक दूरी के नियमों को तोड़ने पर किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण प्रकट में दो से 14 दिन का समय लग सकता है। वह संक्रमित हो सकता है। डा. सूर्यकांत के मुताबिक औसतन पांचवें दिन इसके फैलने की सबसे अधिक संभावना रहती है।

होली में कम सैंपल के बावजूद मिले इतने संक्रमित

पिछले दो हफ्ते से राजधानी और उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है। संक्रमित लोगों की संख्या पिछले तीन दिनों से लगातार 400 से ऊपर जा रही है। होली वाले दिन यह आंकड़ा 499 था। लेकिन संख्या घटने का यह मतलब नहीं संक्रमण कम हो गया। इसका कारण है होली के दौरान सैंपल कम लिए गए थे। प्रदेश स्तर पर 64519 लोगों की जांच में 918 संक्रमित मिले हैं।

सूबे में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज लखनऊ में हैं। बीते चार हफ्ते में डेढ़ दर्जन से अधिक मौतें सिर्फ लखनऊ में हो चुकी हैं। राजधानी की दो पॉश कालोनियां इंदिरा नगर और गोमती नगर सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। यहां क्रमशः 33 और 32 मरीज मिल चुके हैं। इसके अलावा आलमबाग, रायबरेली रोड, कैसरबाग, हसनगंज, महानगर, हजरतगंज, अलीगंज, तालकटोरा, आशियाना, चौक आदि इलाकों में भी संक्रमण बढ़ रहा है।

Shreya

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