TRENDING TAGS :
Ratlam Hospital News: मरीज का हाईवोल्टेड ड्रामा अस्पताल पर आरोप लगाकर खड़ा कर दिया बखेड़ा, जानिये क्या है सच
Ratlam Hospital News: इस बीच अस्पताल की ओर से इस मामले का खुलासा करते हुए युवक पर झूठा प्रचार करने और अस्पताल की छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है।
Ratlam News (Image From Social Media)
Ratlam Hospital News: मध्य प्रदेश में रतलाम के जीडी हॉस्पिटल द्वारा घायल युवक से इलाज के नाम पर ₹50,000 वसूलने और उसके अर्धनग्न अवस्था में हंगामा करने का मामला एक ओर तूल पकड़ गया है वहीं अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले को झूठा बताया है।
हालांकि मामले को कलेक्टर राजेश बाथम के सीएमएचओ डॉ. एम.एस. सागर को जांच के आदेश देने के बाद 2 डॉक्टरों सहित 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करेगी। इस बीच अस्पताल की ओर से इस मामले का खुलासा करते हुए युवक पर झूठा प्रचार करने और अस्पताल की छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है।
पिछले दिनों 80 फीट रोड स्थित जीडी अस्पताल के बाहर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें घायल युवक बंटी निनामा अर्धनग्न अवस्था में हंगामा करता नजर आया था। युवक ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर बंधक बनाकर मारपीट करने और 3:30 घंटे इलाज के नाम पर जबरन ₹50,000 लेने का आरोप लगाया था।
इस बीच रतलाम हास्पिटल के डा. लेखराज पाटीदार ने कहा है कि तीन तारीख को मरीज ओपीडी में साढ़े नौ बजे आया। दस बजकर 11 मिनट पर उसे भर्ती किया गया। मेडिकल कालेज से रेफरल लैटर पर साढ़े छह बजे का टाइम है। पेशेंट बंटी रिनामा बेहोशी की अवस्था में लाया गया था। जांच में मरीज बेहोशी की अवस्था में निकला। उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। उसके पास गवर्नमेंट मेडिकल कालेज का सुबह साढ़े छह बजे का रैफरल लेटर था जिसमें उसे इंदौर रेफर किया गया था। मरीज को इंदौर न ले जाकर अस्पताल में लाया गया। मरीज बेहोशी की अवस्था में था। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। उसके नाक में नली डाली गई। और पेशाब नली लगाई गई। उसे दीनदयाल थाने एमएनसी के लिए भेजा गया लेकिन मरीज बयान देने की स्थिति में नहीं था इसलिए वापस आ गया। मैने एमआरआई का सजेशन दिया था। इसके बाद मरीज होश में आने लगा। नली खींचने लगा। मरीज की उग्रता को देखते हुए। उसकी पत्नी को बुलाया गया। पत्नी ने समझाया लेकिन वह नहीं माना। मरीज और उग्र हो गया उसने अपने कपड़े उतार दिये और कैंची उठाकर कर्मचारियों पर हमलावर हो गया। इसके बाद वह बाहर दौड़ा और बाहर अपनी बहन को भी मारा। उसने गेट पर खड़ा होकर हंगामा कर दिया जिससे भीड़ लग गई। वह बंधक बनाने का आरोप लगाने लगा जबकि हमारे पास वीडियो फुटेज मौजूद हैं।
डाक्टर पाटीदार ने बताया कि मरीज ने 18 हजार रुपये जमा किये। उसका बिल टोटल सात हजार का बना है। मरीज के निराधार बयान से हास्पिटल की छवि खराब हुई है। उसने हमारे कर्मचारियों को भी धमकाया। आईसीयू में उसे तीन मरीजों के बीच रखा गया था। मरीजों के बीच किसी को बंधनक बनाकर नहीं रखा जा सकता है। मीडिया से निवेदन है कि एकतरफा वायरल वीडियो को लेकर खबर न प्रकाशित करें। मरीज अपराधी प्रवृत्ति का है। उस पर पास्को एक्ट सहित कई मुकदमे दर्ज है। जो हालात हैं आगे से सीरियस मरीज का इलाज करने में मुझे सोचना पड़ेगा।