इलेक्ट्रिसिटी बिल: पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्रियों को भेजा पत्र, की ये अपील

फेडरेशन ने आरोप लगाया है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 का ड्राफ्ट सार्वजनिक तौर पर जारी किए बिना केंद्रीय विद्युत मंत्रालय बिल पारित कराने की जल्दबाज कर रहा है ।

Shraddha Khare
Published on: 14 Feb 2021 8:39 AM GMT
इलेक्ट्रिसिटी बिल: पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्रियों को भेजा पत्र, की ये अपील
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इलेक्ट्रिसिटी बिल: पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्रियों को भेजा पत्र, की ये अपील photos (social media)

नई दिल्ली : का ड्राफ्ट सार्वजनिक तौर पर जारी किए बिना बिल पारित कराने की जल्दबाजी के विरोध में प्रधानमंत्री और सभी प्रान्तों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने हस्तक्षेप की अपील की। 27 फरवरी को मुम्बई में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आन्दोलन का निर्णय होगा।

इलेक्ट्रिसिटी बिल 2021

ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री और सभी प्रान्तों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर माँग की है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को पब्लिक डोमेन में सर्कुलेट किया जाए और सभी स्टेकहोल्डरों विशेषतया बिजली उपभोक्ताओं और कर्मचारियों से इस बिल पर विस्तृत विचार विमर्श किये बिना बिल को संसद में न रखा जाए। फेडरेशन ने बिल पारित कराने की किसी भी एकतरफा कोशिश के विरोध में लाइटनिंग हड़ताल की चेतावनी दी है।

ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सरकार पर लगाया यह आरोप

फेडरेशन ने आरोप लगाया है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 का ड्राफ्ट सार्वजनिक तौर पर जारी किए बिना केंद्रीय विद्युत मंत्रालय बिल पारित कराने की जल्दबाज कर रहा है ।ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है। पत्र में लिखा गया है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 का ड्राफ्ट केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर आज तक उपलब्ध नही है । इस बिल को न ही सार्वजनिक किया जा रहा है और न ही आम उपभोक्ता और बिजली कर्मियों की इस बिल पर राय माँगी गई है। फिर भी संसद के चालू सत्र में 20 बिलो की सूची में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 का उल्लेख है जिसे बिना सार्वजनिक किए पारित कराने की जल्दबाजी साफ दिख रही है।

बिल को संसद में पारित कराए जाने की योजना

उन्होंने बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्री ने 17 फरवरी को सभी प्रान्तों के ऊर्जा सचिवों और ऊर्जा निगमों के सी एम डी की ऑनलाइन मीटिंग बुलाई है जिसमें इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 पर राज्यो की राय लेकर बिल को संसद में पारित कराए जाने की योजना है। फेडरेशन ने इस जल्दबाजी को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा है कि इस प्रकार गुपचुप बिल पारित करने की कोशिश से बिजली अभियन्ताओं में भारी गुस्सा है।

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ऊर्जा सचिव आई ए एस ने बिल के विरोध में कही यह बात

फेडरेशन का कहना है कि सभी प्रान्तों के ऊर्जा सचिव आई ए एस है और सी एम डी पदों पर भी आई ए एस ही हैं ऐसे में बिजली जैसे अत्यधिक जटिल तकनीकी विषय पर बिजली कर्मियों और उपभोक्ताओं को अंधेरे में रखकर निर्णय लेना सर्वथा आपत्तिजनक है जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फेडरेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आगामी 27 फरवरी को मुम्बई में हो रही बैठक में आन्दोलन का निर्णय लिया जाएगा। बिल पारित कराने की एकतरफा कोशिश के विरोध में बिजली इंजीनियर देश के 15 लाख बिजली कर्मचारियों के साथ एकजुट होकर बिल के विरोध में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन करने हेतु बाध्य होंगे।

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