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मगरमच्छों की नसबंदी: प्रशासन ने उठाया ये अनोखा कदम, जाने इसकी वजह
जानकारी के मुताबिक, सोलापुर के विजापुर में स्थित महात्मा गांधी प्राणी संग्रहालय में मगरमच्छों की संख्या बढ़ती जा रही है। बढ़ती संख्या को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन ने मगरमच्छों की नसबंदी करने का फैसला किया है।
सोलापुर: वैसे तो आपने तो नसबंदी के बारे में कई किस्से सुने होगें, लेकिन जानवरों की नसबंदी के बारे में शायद ही सुना होगा, खासकर मगरमच्छ की नसबंदी के बारे में। जी हां, ये कोई कहानी नहीं, बल्कि सच्चाई है। बता दें कि महाराष्ट्र के सोलापुर में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने इनकी नसबंदी करने का फैसला किया है।
स्थानीय लोगों ने चिड़ियाघर के प्रशासन पर लगाया आरोप
जानकारी के मुताबिक सोलापुर के विजापुर में स्थित महात्मा गांधी प्राणी संग्रहालय में मगरमच्छों की संख्या बढ़ती जा रही है। बढ़ती संख्या को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन ने मगरमच्छों की नसबंदी करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि शहर में कई बार मगरमच्छों का देखा गया है। पिछले हफ्ते ही करीब ढाई फुट का मगरमच्छ शहर में नजर आया था। लोगों ने आरोप है कि जो मगरमच्छ देखा गया है वो चिड़ियाघर का है, जबकि चिड़ियाघर के प्रशासन ने इस आरोप का खंडन किया है। प्रशासन ने बताया है कि हमारे चिड़ियाघर में 20 मगरमच्छ है।
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कैसे बढ़ी मगरमच्छों की संख्या
जानकारी के मुताबिक, करीब 20 वर्ष पूर्व बाढ़ के दौरान एक मगरमच्छ नदी में पाया गया था, जिसे पकड़कर चिड़ियाघर में रखा गया। 12 साल बीतने के बाद प्रशासन को पता चला कि वह मगरमच्छ मादा मगरमच्छ है। वहीं प्रजनन के लिए चेन्नई से करीब 7 फुट का मगरमच्छ लाया गया था। इसके बाद यहां मगरमच्छों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है, जिसकी कारण प्रशासन को उनके रख-रखाव में काफी खर्चा हो रहा। यही वजह है कि प्रशासन ने मगरमच्छों की नसबंदी करने का फैसला किया है।
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