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“सिविल सर्विसेज डे” के बारे में जानें ये कुछ महत्वपूर्ण बातें

इस दिन का इंतजार सभी अधिकारी हर साल करते हैं। जिसमें उनके द्वारा सालभर किए गए विकास कार्यों की सराहना की जाती है। साथ ही उन्हें देश के अन्य हिस्सों में काम कर रहे अधिकारियों के नए विकास कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी मिलती है।

SK Gautam
Published on: 21 April 2019 6:10 PM IST
“सिविल सर्विसेज डे” के बारे में जानें ये कुछ महत्वपूर्ण बातें
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शाश्वत मिश्रा

लखनऊ: आज ही के दिन आजाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय लोक सेवा आयोग के पहले दल को 'STEEL FRAME OF INDIA' के नाम से संबोधित किया था। इस मौके पर पहला कार्यक्रम 21 अप्रैल, साल 2006 में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था।

इस दिन का इंतजार सभी अधिकारी हर साल करते हैं। जिसमें उनके द्वारा सालभर किए गए विकास कार्यों की सराहना की जाती है। साथ ही उन्हें देश के अन्य हिस्सों में काम कर रहे अधिकारियों के नए विकास कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी मिलती है।

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इस दिवस का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों द्वारा अपने आप को नागरिकों के लिए एक बार फिर समर्पित और वचनबद्ध करना है। इस अवसर पर, केंद्रीय और राज्य सरकारों के सभी अधिकारियों को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाता है।

भारत के 10 शीर्ष आइ॰ए॰एस॰ अधिकारी

-अजित डोवाल

-अशोक खेमका

-दुर्गा शक्ति नागपाल

-आर्मस्ट्रांग पेम

-शिवदीप वामन लंडे

-बी॰चंद्रकला

-एस॰आर॰शंकरन

-किरण बेदी

-विनोद राय

-रजनी शेखरी सिबल

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कुछ और भी रोचक जानकारियां -

सरदार वल्लभ भाई पटेल देश में प्रशासनिक सेवा की जरूरत महसूस की थी और उनका मानना था की प्रशासनिक अधिकारी देश में एकता कायम करने का काम कर सकते हैं।

-सिविल सर्विसेज की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान ही हो गयी थी ।

-सिविल का मौजूदा स्वरुप 1947 के बाद बनाया गया था।

देश का सबसे ऊंचा पद

- सिविल सर्विसेज के अंतर्गत देश में सबसे ऊंचा पद कैबिनेट सेक्रेटरी का होता है ।

-एन.आर. पिल्लई इस पोस्ट पर अपनी सेवाएं देनें वाले पहले अधिकारी थे उन्होंने 1950 से 1953 तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थी।

तक़रीबन 900 पदों के लिए 9 लाख आवेदन होए होते हैं

-हर साल लगभग 9 लाख से ज्यादा लोग इस परीक्षा में शामिल होते हैं ।

-जबकि, सिविल सेवा के तहत पदों की संख्या मात्र 900 ही होती है ।

-जबकि सफलता दर 0.1 से 0.3 फीसदी रहता है लेकिन फिर भी इस परीक्षा का क्रेज़ युवाओं में काफी ज्यादा रहता है।



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