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ये हैं कोरोना के वीर ; बचाई हजारों जिंदगियां, अब दुनिया कर रही सलाम

डॉक्टरों का जज्बा ऐसा कि दिन रात एक कर कम समय में ठीक कर रोगियों को ठीक कर रहे हैं। प्रशासन को सलाम, ठीक होकर घर जा रहे कोरोना वीरों को दे रहे बुके और बधाई। खुशी खुशी क्वारंटाइन हो रहे हैं संदिग्ध। साहस और जज्बा ऐसा कि नौकरी की पहली ज्वाइनिंग कोरोना जोन में ले रहे हैं डाक्टर। हाथ में फ्रैक्चर के बाद भी ड्यूटी को तत्पर है महिला सिपाही।

राम केवी
Published on: 5 April 2020 9:49 AM GMT
ये हैं कोरोना के वीर ; बचाई हजारों जिंदगियां, अब दुनिया कर रही सलाम
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नई दिल्लीः तब्लीगी जमात के जमातियों ने राजस्थान को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि शौर्य और साहस के कोरोना वीरों के जो कारनामे सामने आ रहे हैं आप दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाएंगे।

यहां सांसद डॉक्टरों को धरती का भगवान मान कर उनकी चरण वंदना कर रहा है। एक जनपद ने तो 6 हजार टीमें लगाकर मात्र नौ दिन में 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर ली। जागरुकता ऐसी कि खुद मरीज अपनी जांच कराने को आगे आ रहे हैं। डॉक्टरों का जज्बा ऐसा कि दिन रात एक कर कम समय में ठीक कर रोगियों को ठीक कर रहे हैं। प्रशासन को सलाम, ठीक होकर घर जा रहे कोरोना वीरों को दे रहे बुके और बधाई। खुशी खुशी क्वारंटाइन हो रहे हैं संदिग्ध। साहस और जज्बा ऐसा कि नौकरी की पहली ज्वाइनिंग कोरोना जोन में ले रहे हैं डाक्टर। हाथ में फ्रैक्चर के बाद भी ड्यूटी को तत्पर है महिला सिपाही।

सबसे बड़ी स्क्रीनिंग

ऐसी सूचनाएँ मिलने पर हर देशवासी को गर्व होगा। छाती खुशी से चौड़ी हो जाएगी। हमें भी आगे आना चाहिए ये भावना आएगी। कोरोना का प्रकोप फैला तो राजस्थान अछूता नहीं था बहुत ही कम समय में पीड़ितों की संख्या एक हजार पार हो गई थी। सबसे ज्यादा कहर भीलवाड़ा में बरपा हुआ था। ऐसे में भीलवाड़ा के प्रशासन के सामने चुनौती थी और उसने हालात की गंभीरता को देखते हुए महज 9 दिन में 6 हजार टीमें लगाकर जिले के 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर डाली। यह देश के किसी भी शहर में की गई अब तक की सबसे बड़ी स्क्रीनिंग थी। पूरे राज्य में 80 लाख से अधिक परिवारों के करीब तीन करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।

खुद आगे आए जांच को, ठीक हुए

भीलवाड़ा में सबसे पहले बांगड़ अस्पताल के एक डॉक्टर से कोरोना फैला था। लेकिन सलाम है यहां के डॉक्टरों को उन्होंने मात्र 14 दिन में ही 26 कोरोना पॉजिटिव में से नौ मरीजों को ठीक कर दिया। इसके बाद गुलाब का फूल देकर एंबुलेंस से इन लोगों को घर भेज दिया गया। अगले 14 दिन तक इन्हें घर पर ही आइसोलेशन में रखा जाएगा। ये सभी बांगड़ हॉस्पिटल के स्टाफ हैं।

कोरोना जोन में महिला डॉक्टर ने ली पहली ड्यूटी

इसी तरह से भीलवाड़ा की ही डॉ. लवीना की कहानी किसी के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। सूरत से एमबीबीएस कर लौटीं डॉ. लवीना को डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे अस्पताल से जब कॉल गया तो कोरोना से घबड़ाए बिना डॉ. लवीना तुरंत महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचीं और सेवाएं देना शुरू कर दिया। डॉ. लवीना चाहतीं तो पीजी की तैयारी के लिए घर रह सकती थीं। लेकिन उन्हें संकटकाल में घर बैठना ठीक नहीं लगा। डॉ. लवीना रोटेशन में ड्यूटी दे रही हैं, एक सप्ताह की ड्यूटी के बाद उन्हें 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा।

सांसद पैर छूकर दे रहे सम्मान

कुछ इसी तरह से मिसाल पेश की सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने। इस संकट काल में वह अपना सामाजिक सरोकार पूरी गंभीरता से निभा रहे हैं। सांसद ने गत दिवस अस्पताल के लिए सेनेटाइजर, मास्क तथा ग्लब्स दिए। चिकित्सकों को धरती का भगवान बताते हुए उनके पैर छुए और नर्सिंग स्टाफ का उत्साहवर्धन किया।

हाथ में फ्रैक्चर लेकिन ड्यूटी पहले

इसी तरह से मिसाल बने कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार। धर्मेंद्र का एक हाथ फ्रैक्चर है, लेकिन ड्यूटी कर रहे हैं। धर्मेंद्र कुमार ने खुद लॉकडाउन में ड्यूटी के लिए आग्रह किया। जबकि हाथ फ्रैक्चर होने पर डॉक्टर ने कुछ दिन आराम की सलाह दी थी।

राम केवी

राम केवी

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