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जान लें ये बातः कोरोना की पहचान में बहुत खास है ये लक्षण
कोरोना वायरस सिम्प्टोमैटिक (Symptomatic) और एसिम्प्टोमैटिक (Asymptomatic) मरीजों के अंतर से भी शोधकर्ता काफी परेशान हैं। शोध में साफ़ तौर पर इस बीमारी के दो ही लक्षण सामने आये हैं जो सबसे ज्यादा फैलने वाला होता है।
नई दिल्ली: चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क जैसे तमाम उपायों को अपनाने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन अब शोध में ये बात पता चली है कि ये सारे उपाय पूरी तरह से सफल नहीं हुए हैं और न ही इसको पूरी तरफ से असफल भी नहीं बताया। कोरोना वायरस सिम्प्टोमैटिक (Symptomatic) और एसिम्प्टोमैटिक (Asymptomatic) मरीजों के अंतर से भी शोधकर्ता काफी परेशान हैं। शोध में साफ़ तौर पर इस बीमारी के दो ही लक्षण सामने आये हैं जो सबसे ज्यादा फैलने वाला होता है। जिन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
यहां आपको बताते हैं कि क्या हैं ये दो लक्षण
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि खांसी और बुखार ही ऐसे दो लक्षण हैं जो सबसे ज्यादा मरीजों में पाए गए हैं। अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के कई लक्षणों का अध्ययनों का पुनर्आवलोकन किया जिसमें कोविड-19 के लक्षणों के बारे में पता लगाया था।
और भी हैं कोरोना के लक्षण जिनका अध्ययन किया गया
इस अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी लक्षणों की उस सूची की भी समीक्षा की जो उसकी ओर से इस महामारी के फैलने की शुरुआत में जारी की गई थी। इसके बाद में भी हुए अध्ययनों में थकान, सूंघने की क्षमता खोना, सांस लेने में तकलीफ, जैसे कई लक्षणों को प्रमुख लक्षणों में शामिल किया था।
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कितने लोगों का किया गया अध्ययन
इस अध्ययन में यूके की लीड्स यूनिवर्सिटी सहित सभी शोधकर्ताओं ने 148 अध्ययनों के आंकड़ों को मिलाकर अध्ययन किया और यूके, चीन और अमेरिका सहित 9 देशों के 24 हजार मरीजों के साझा लक्षणों की पहचान की। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अब तक कोविड-19 के लक्षणों पर की गई सबसे बड़ी समीक्षा है। शोधकर्ताओं ने यह भी माना कि एक बड़ी संख्या में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों में खांसी और बुखार ही मुख्य लक्षण
लीड्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च में क्लीनिकल रिसर्च फेलो और सर्जन रेकी वेड का कहना है कि इस विश्लेषण से इस बात की पुष्टि हुई है कि जो लोग कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं उन मरीजों में खांसी और बुखार ही सबसे व्यापक लक्षण मिले हैं।
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24,410 मामलों में से 78 प्रतिशत लोगों को बुखार था
वेड का कहना है, “यह बहुत महत्वपूर्ण बात है क्योंकि इससे लक्षण दिखाई देने वाले मरीजों का क्वारंटाइन करना सुनिश्चित किया जा सकता है जिससे उनकी वजह से दूसरे संक्रमित न हों। अध्ययन में पाया गया कि 24,410 मामलों में से 78 प्रतिशत लोगों को बुखार था तो वहीं 57 प्रतिशत लोगों को खांसी थी, लेकिन इनमें काफी विविधता था। जैसे नीदरलैंड में खांसी के मरीजों की संख्या 76 प्रतिशत थी तो वहीं दक्षिण कोरिया में केवल 18 प्रतिशत। कुल मामलों में से 31 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें थकान महसूस हो रही है, 25 प्रतिशत ने सूंघने की क्षमता खो दी जबकि 23 प्रतिशत लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई।
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9 प्रतिशत को वेंटिलेटशन की मदद, 2 प्रतिशत को कृत्रिम फेफड़ों की आवश्यकता
शोधकर्ताओं का मानना है कि विभिन्न देशों में लक्षणों की विविधता का कारण आंकड़े जमा करने के तरीकों में अंतर की वजह था। शोधकर्ताओं ने कहा कि उन लोगों में जिन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत थी, उनमें से 17 प्रतिशत को बिना किसी उपकरण के सांस लेने में सहायता की जरूरत थी, जबकि 19 प्रतिशत को आईसीयू की जरूरत पड़ी। 9 प्रतिशत को ही वेंटिलेटशन की मदद लेनी पड़ी। और केवल 2 ही प्रतिशत को कृत्रिम फेफड़ों की आवश्यकता पड़ी।
लक्षण दिखे बिना भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है
इस शोध आमतौर पर भले ही लोगों को मदद न मिले, लेकिन इलाज कर रहे अस्पतालों के लिए ये आंकड़े बहुत काम के हो सकते हैं। वे अनुमान लगा सकते हैं कि उन्हें किस तरह के कितने उपकरणों की आवश्यकता पड़ सकती है और वे नए मरीजों की पहचान करने में दो प्रमुख लक्षणों पर ज्यादा जोर दे सकते हैं। यह उन यह फैसला लेने में मददगार हो सकता है कि किन लोगों की जांच पहले होनी चाहिए।