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रिकॉर्डिंग सुपरस्टार के जीवन का ये रहस्य, जिसके सदमे ने बना दी जिंदगी
भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार गौहर जान भारतीय गायिका और नर्तकी थीं। इस बार गूगल ने 145वें जन्मदिवस पर डूडल बनाकर उन्हें भी याद किया था। गौहर जान का जन्म 26 जून सन् 1893 को आजमगढ़ में हुआ था।
ऩई दिल्ली: भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार गौहर जान भारतीय गायिका और नर्तकी थीं। इस बार गूगल ने 145वें जन्मदिवस पर डूडल बनाकर उन्हें भी याद किया था। गौहर जान का जन्म 26 जून सन् 1893 को आजमगढ़ में हुआ था। भारतीय सिनेमा की मशहूर गायिका का असली नाम एंजलिना योवर्ड था।
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महत्वपूर्ण बातें...
आज हम बताने जा रहे उनकी जिंदगी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।
-- गौहर जान के पिता विलियम रॉबर्ट अमेरिकी इंजीनियर थे। जिन्होंने उनकी मां विक्टोरिया हेमिंग से 1872 में शादी की थी। उनकी मां भारतीय थीं और उन्होंने संगीत और डांस में शिक्षा ली थी।
माता-पिता का तलाक
-- गौहर जान की शादी के सात साल बाद इनके माता-पिता का तलाक हो गया। तलाक के बाद उनकी मां ने इस्लाम धर्म कुबूल कर अपना नाम मलका जान रख लिया। वहीं एंजेलिना का नाम गौहर जान हो गया।
-- अब गौहर की मां मलका जान प्रसिध्द गायिका और नृत्यांग्ना बन चुकी थीं। उन्हें लोग 'बड़ी मलका जान' के नाम से जानते थे। सन् 1883 में मलका जान कलकत्ता में नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में नियुक्त हो गईं। फिर तीन सालों के अंदर उन्होंने कलकत्ता के 24 चितपोरे सड़क पर 40 हजार रुपये में खुद का घर खरीद लिया। यहीं पर गौहर जान की ट्रेनिंग शुरू हुई।
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-- गौहर जान ने पटियाला के काले खान उर्फ 'कालू उस्ताद', रामपुर के उस्ताद वजीर खान और पटियाला घराने के संस्थापक उस्ताद अली बख्श जरनैल से हिन्दुस्तानी गायन सीखा।
--इसके अलावा उन्होंने महान कत्थक गुरु बृंदादीन महाराज से कत्थक, सृजनबाई से ध्रुपद और चरन दास से बंगाली कीर्तन में शिक्षा ली। जल्द ही गौहर जान ने 'हमदम' नाम से गजलें लिखना शुरू कर दिया। यही नहीं उन्होंने रबींद्र संगीत में भी महारथ हासिल कर ली थी।
-- बनारस में डांस और म्यूजिक की कड़ी ट्रेनिंग के बाद गौहर ने सन् 1887 में शाही दरबार दरभंगा राज में अपना हुनर दिखाया और उन्हें बतौर संगीतकार नियुक्त कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने 1896 में कलकत्ता में प्रस्तुति देना शुरू कर दिया।
प्यार भी नहीं हुआ हासिल
-- सन् 1904-05 के बीच गौहर जान की मुलाकात पारसी थिएटर आर्टिस्ट अमृत केशव नायक से हुई। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे लेकिन अचानक सन् 1907 में केशव नायक की मौत हो गई।
-- इसके कुछ समय बाद गौहर जान मैसूर के महाराजा कृष्ण राज वाडियार चतुर्थ के आमंत्रण पर मैसूर चली गईं। हालांकि 18 महीने बाद गौहर जान ने 17 जनवरी 1930 दुनिया से अलविदा कह दिया।
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-- गौहर जान ने 1902 से 1920 के बीच बंगाली, हिन्दुस्तानी, गुजराती, तमिल, मराठी, अरबी, पारसी, पश्तो, फ्रेंच और अंग्रेजी समेत 10 से भी ज्यादा भाषाओं में 600 से भी अधिक गाने रिकॉर्ड किए।
--गौहर जान ने अपनी ठुमरी, दादरा, कजरी, चैती, भजन और तराना के जरिए हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत को दूर-दूर तक पहुंचाया।
-- गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं, जिनके गाने ग्रामोफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए। इसकी रिकॉर्डिंग सन् 1902 में हुई थी और उनके गानों की बदौलत ही भारत में ग्रामोफोन को लोप्रियता हासिल हुई।
13 की उम्र में शोषण
इसके अलावा इनकी जिंदगी से जुड़ा एक सच और है। भारतीय शास्त्रीय संगीत को शिखर पर पहुंचाने वाली गौहर असली जिंदगी में शोषण का शिकार हो गयी थी। गौहर जान का 13 साल की उम्र में बलात्कार हुआ था। गौहर अपने साथ हुए इस सदमे से उबरते हुए संगीत की दुनिया में अपना कदम रख लिया।
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आपको बता दें कि गौहर जान की कहानी सन् 1900 के शुरुआती दशक में महिलाओं के शोषण, धोखाधड़ी और संघर्ष की कहानी है। गौहर की कहानी को विक्रम संपथ ने सालों की रिसर्च के बाद किताब में 'माई नेम इज गौहर जान' के जरिए सबके सामने रखा।