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Tirupati Prasad Controversy : तिरुपति प्रसाद में मिलावट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, दखल देने की मांग
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर पैदा हुआ विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावट के मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
Tirupati Prasad Controversy : तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर पैदा हुआ विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावट के मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में तिरुपति मंदिर के भक्तों की भावनाओं को आघात पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। वकील सत्यम सिंह की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट हिंदुओं के धार्मिक रीति-रिवाजों का उल्लंघन है और अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दायर की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पिछली सरकार पर फर्जी आरोप लगाकर रेड्डी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने तिरुपति के प्रसाद में पशुओं की चर्बी और अन्य पदार्थों की मिलावट के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है।
कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि तिरुपति मंदिर के प्रसादम को भक्त एक पवित्र आशीर्वाद मानते रहे हैं। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों का हवाला दिया गया है जो धार्मिक प्रथाओं की रक्षा पर महत्व देते हैं। याचिका में तर्क दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट का अनुच्छेद 25 धार्मिक रीति-रिवाजों के पालन करने के अधिकार सहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी भी देता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि तिरुपति मंदिर के प्रसादम में मिलावट करके अनुच्छेद 25 का उल्लंघन किया गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि हिंदू धार्मिक प्रथाओं की रक्षा की जा सके। इसके साथ ही पवित्र स्थानों का उचित प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तत्काल दखल देने की मांग की गई है।
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है मामला
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस इस मामले को लेकर पहले ही आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। इस याचिका में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर रेड्डी की छवि को धूमिल करने का बड़ा आरोप लगाया गया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश या हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त समिति को मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर से किए गए दावों की जांच करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसादम में पशुओं की चर्बी मिलने का बड़ा आरोप लगाया है। नायडू ने कहा कि राज्य में पूर्व वाईएसआर कांग्रेस सरकार के राज में भक्तों की भावनाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ किया गया। नायडू के इस आरोप के बाद पूरे देश में इस मामले की खूब चर्चा हो रही है और इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र सरकार से मांगी रिपोर्ट
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने इस मामले में आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है। शुक्रवार को इस मामले में सवाल पूछे जाने पर नड्डा ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी मिली है जिसके बाद आंध्र प्रदेश की नायडू सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा कि तिरुपति के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि करने वाली लैब रिपोर्ट भी मांगी गई है।
जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
नड्डा ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इसलिए इस मामले में गहराई से जांच पड़ताल की जाएगी। यदि इस मामले में आरोपों की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है। इसलिए दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि पशु चर्बी की मिलावट के आरोपों से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। इसलिए रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।