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Rift in TMC: विवाद पर बयानबाजी कर हालात और खराब ना करें, सांसदों से बोलीं CM ममता
Rift in TMC: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सभी सांसदों को विवाद पर किसी भी तरह की बयानबाज़ी और इंटरव्यू देने को मना किया है।
Rift in TMC (Image Credit-Social Media)
Rift in TMC: भारतीय जनता पार्टी ने 8 मार्च को तृणमूल कांग्रेस सांसदों के बीच हुई बहस का एक वीडियो और स्क्रीनशॉट एक्स पर शेयर कर दिया है। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है, आपको बता दे कि कल्याण बनर्जी और एक अज्ञात पार्टी विधायक के बीच कथित व्हाट्सएप बातचीत के स्क्रीनशॉट को भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर शेयर कर दिया है। जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी के सांसदों के बीच झगड़े के वीडियो लीक होने के बाद बेहद परेशान हैं।
ममता ने सांसदों को विवाद पर बयानबाजी करने से किया मना
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी के प्रमुख सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक का वीडियो और स्क्रीनशॉट लीक होने के बाद भाजपा द्वारा तृणमूल कांग्रेस को कई तरीके से घेरा जा रहा है। वहीँ तृणमूल प्रमुख ने मंगलवार को अपनी पार्टी के सदस्यों से कहा है कि,"वह किसी भी सांसद को और नहीं बढ़ना चाहिए और वह किसी तरीके के विवाद पर बयानबाजी कर हालात को और खराब ना करें।"
भाजपा के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर वीडियो और व्हाट्सएप चैट पोस्ट किया है साथ ही उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ मूल सांसद कल्याण बनर्जी और एक एन अज्ञात पार्टी विधायक के बीच की बहस हुई है। मालवीय के अनुसार यह घटना 4 अप्रैल को भारत के चुनाव आयोग के मुख्यालय में हुई जहां तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपने गया था। अमित मालवीय द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में कथित तौर पर कल्याण बनर्जी को दूसरे विधायक पर भड़कते हुए दिखाया गया है जिसके बारे में सौगत रॉय ने दावा किया है कि वह महुआ मोइत्रा थी।
वहीं राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। कल्याण बनर्जी को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है,"वे बहुत अनियंत्रित हैं," और, "कह रहे हैं कि मुझे गिरफ्तार करवा देंगे..." ओ ब्रायन ने कहा कि "हम एक सार्वजनिक स्थान पर हैं भाई, मैं आपसे विनती कर रहा हूँ।"
इस पूरे विवाद पर टीएमसी नेताओं की प्रतिक्रिया भी आ रही है जिसमें सौगत रॉय और कल्याण बनर्जी ने विवाद पर अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस की है जबकि ममता बनर्जी ने सांसदों से किसी भी तरीके के इंटरव्यू देने से बचने के लिए कहा है। सौगत रॉय ने स्वीकार किया है कि विवाद में दूसरी पार्टी महुआ मोइत्रा थी क्योंकि उन्होंने कल्याण बनर्जी के व्यवहार की आलोचना की और इसे स्वीकार्य किया।
उन्होंने कहा मैंने देखा कि महुआ संसद में रो रही थीं,वह कल्याण के व्यवहार की शिकायत करने जा रही थीं उन्होंने कहा कि जब बहस हुई तो वह मौजूद नहीं थे विवाद में शामिल दूसरी पार्टी के नेता कल्याण बनर्जी ने महुआ का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि विधायक परेशान थी क्योंकि चुनाव आयोग को सौंपने जाने वाले ज्ञापन पर उनके हस्ताक्षर नहीं थे। उन्होंने घटना का वर्णन करते हुए कहा वह अपनी पूरी आवाज में चिल्ला रहीं थीं और मैं उसी के अनुसार जवाब दिया। इस बीच वह बीएसएफ के पास भागीं और उनसे मुझे गिरफ्तार करने के लिए कहने लगीं।