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गहने गिरवी रख बनवाया शौचालय, स्वच्छता मिशन सरकारी सहायता पर उठे सवाल
देवास: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के अलग-अलग हिस्सों से स्वच्छ भारत अभियान को व्यापक समर्थन मिल रहा है। मध्य प्रदेश के देवास जिले की आदिवासी महिला अन्नपूर्णा बाई के दिल व दिमाग पर इस अभियान का संदेश कुछ ऐसा बैठा कि उन्होंने अपने गहने गिरवी रखकर शौचालय बनवा डाला। इतना ही नहीं वह गांव के अन्य परिवारों को भी शौचालय बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
देवास जिले की दूरस्थ पंचायत बरोली व उसका भील आदिवासी बाहुल्य गांव अमोदिया की आबादी 630 लोगों की है। इस गांव में अन्नपूर्णा बाई नाम की भील आदिवासी महिला अपने परिवार के साथ रहती है, उसके चार बच्चे हैं, जिनमें दो बेटी और दो बेटे हैं। अन्नापूर्णा के पति मजदूरी करते हैं।
अन्नपूर्णा बाई बताती हैं कि उन्हें खुले में शौच जाना अच्छा नहीं लगता था। उसने शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली राशि का भी इंतजार नहीं किया और अपनी लज्जा तथा परिवार की सुरक्षा के लिए अपने गहनों को गिरवी रख उससे मिले पैसे से शौचालय का निर्माण कराया।
अन्नपूर्णा को देखकर गांव के अन्य परिवार भी अब शौचालय का निर्माण करा रहे हैं। वहीं, इसी गांव की कालीबाई (65) का कहना है कि उन्होंने भी अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया है ताकि बहू-बेटियों का सम्मान बना रहे।
अन्नपूर्णा बाई एवं कालीबाई की प्रेरणा से ही मनीबाई एवं मीराबाई ने जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की मौजूदगी में शौचालय निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है।
अब गांव में निगरानी समिति का गठन कर लिया गया है। यह समिति सुबह उठकर स्वच्छता का संदेश देगी और अपने गांव के लोगों को खुले में शौच से मुक्त करने की प्रतिज्ञा दिलवाएगी।
--आईएएनएस