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सुरक्षा चुनौतियों पर दिल्ली में मंथन, शामिल होंगे 50 देशों के 150 टॉप जासूस
दुनिया के 50 देशों के टॉप 150 जासूस दिल्ली में गुरुवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे।
नई दिल्ली: दुनिया के 50 देशों के टॉप 150 जासूस दिल्ली में गुरुवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे। इसमें सभी संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य के समक्ष उत्पन्न हो रही चुनौतियों के साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक और साइबर खतरों से संबंधित विषयों पर मंथन करेंगे।
वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ डिटेक्टिवस (डब्ल्यूएडी) के बैनर तले आयोजित हो रहे इस 92वें डब्ल्यूएडी सालाना संगोष्ठी की उपयोगिता इसलिए अधिक है क्योंकि भारत से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों, जैसे ब्लैकमनी, नकली मुद्रा का चलन, भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां, साइबर सुरक्षा से उत्पन्न खतरों पर इसमें चर्चा की जाएगी। ले. जनरल सेवानिवृत्त राजेंद्र सिंह, भूतपूर्व महानिदेशक आयुध, भारतीय सेना और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के पूर्व कमांडर इस संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे।
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इस संगोष्ठी में 150 से ज्यादा पेशेवर वैश्विक जांचकर्ता और जासूस एक साथ एकत्रित होंगे और इस क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के उपायों पर मंथन करेंगे। संगोष्ठी में सुरक्षा, पुलिस, रक्षा, निजी जांचकर्ता, फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय पेशेवर एक साथ इन क्षेत्रों के समक्ष उत्पन्न हो रही वैश्विक चुनौतियों-समस्याओं पर मंथन कर उनसे निपटने का मार्ग तय करेंगे। डब्ल्यूएडी के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने यह जानकारी दी। कुंवर विक्रम सिंह कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत सिक्यूरिटी सेक्टर स्कील डवलपमेंट काउंसिल डब्ल्यूएडी के भी प्रमुख हैं।
कुंवर विक्रम सिंह को संगोष्ठी के समापन पर डब्ल्यूएडी के पहले भारतीय चेयरमैन के तौर पर चुना जाएगा। वह इस पद को हासिल करने वाले पहले भारतीय पेशेवर जासूस होंगे।
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दिल्ली में आयोजित संगोष्ठी में साइबर सिक्यूरिटी एंड द डार्क वेब, एंटी करप्शन पार्टनरशिप, थ्रेट टू द सिक्यूरिटी इंवायरमेंट एंड रोल ऑफ इंटरपोल, भारत में व्यापार-चुनौती व अवसर जैसे मसलों पर राउंड टेबल चर्चा भी होगी। इस दौरान संबंधित विषय के वैश्विक दक्ष पेशेवर अपने विचार साझा करेंगे।
इस तीन दिवसीय संगोष्ठी के दौरान इसमें शामिल होने वाले वैश्विक जासूस, निजी जांचकर्ता पेशेवर और सुरक्षा पेशेवर, प्रमुख भारतीय मंत्रियों और नौकरशाहों से मिल सकते हैं और भारत के समक्ष उत्पन्न चुनौती और खतरा जैसे आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मानव तस्करी और नकली मुद्रा परिचलन पर चर्चा कर सकते हैं।
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यह दूसरी बार है जब डब्ल्यूएडी अपनी सालाना बैठक भारत में कर रहा है। इससे पहले वर्ष 1984 में दिल्ली में इसका आयोजन हुआ था। डब्ल्यूएडी अपनी तरह का सबसे बड़ा और दीर्घ संस्थान है जिसमें 80 देशों के श्रमजीवी पेशेवर सुरक्षा पेशेवर, निजी जांचकर्ता और निजी जासूस जुड़े हुए हैं। यह संस्था अपने कार्यक्षेत्र में उच्च मूल्य की वकालत करने के साथ ही उसका अनुपालन भी करती है।
--आईएएनएस