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Traffic Sentinel : ट्रैफिक उल्लंघन की फोटो खींचो, इनाम पाओ
पणजी। गोवा सरकार ने राज्य में एक अभिनव प्रोग्राम चलाया है जिसमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की फोटो खींच कर ट्रैफिक पुलिस को भेजने पर इनाम दिया जाता है। 'ट्रैफिक सेंटीनल' नामक इस स्कीम से न सिर्फ सड़कों पर अनुशासन कायम हुआ है बल्कि सरकार को नवंबर २०१७ से जनवरी २०१९ के बीच ८२ लाख का राजस्व भी चालान के रूप में प्राप्त हुआ है। १० नवंबर २०१७ को डीजीपी ने यह स्कीम लांच की थी। यह योजना व्हाट्सएप पर है जिसमें कोई भी नागरिक ट्रैफिक नियम उल्लंघन की घटना की शिकायत कर सकता है और बदले में कैश इनाम पा सकता है। इस एप पर ५८३४ से ज्यादा नागरिक जुड़े हैं जिन्हें 'ट्रैफिक सेंटीनल' कहा जाता है।
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गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया है कि 'ट्रैफिक सेंटीनल' स्कीम के तहत ६६१२४ लोगों पर जुर्माना लगाया जा चुका है। इस स्कीम का एक दुखद पहलू यह भी है कि 'ट्रैफिक सेंटीनल' यानी ट्रैफिक संतरियों द्वारा कानून तोडऩे वालों की फोटो खींचने पर मारपीट की वारदातें हो चुकी हैं। ट्रैफिक सेंटीनलों को हर चलान पर प्वाइंट दिए जाते हैं और १०० प्वाइंट जमा हो जाने पर १००० रुपए का इनाम दिया जाता है। गोवा में ७८ ट्रैफिक सेंटीनलों को बतौर इनाम ११,९२,००० रुपए बांटे जा चुके हैं। इसके अलावा २०६ अन्य सेंटीनलों को ५५,५०,००० रुपए बांटने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। ट्रैफिक सेंटीनलों के बीच एक मेगा ड्रॉ का भी आयोजन किया जा चुका है जिसमें दो सेंटीनलों को कार और दोपहिया इनाम में दिए गए। पुलिस महानिदेशक मुकेश चंदर के अनुसार जबसे यह स्कीम लागू की गई है तबसे सड़क हादसों में कमी आई है। उन्होंने कहा है कि स्कीम शुरू करने के बाद से ७.७४ लाख चालान काटे जा चुके हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ने जोर दे कर कहा है कि यह स्कीम पूरे देश में लागू की जानी चाहिए। गोवा पुलिस को भेजे एक पत्र में ब्यूरो ने कहा है कि ऐसी ही स्कीम कम्यूनिटी पुलिसिंग और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के बारे में चलाई जानी चाहिए।
'ट्रैफिक सेंटीनल' स्कीम का गोवा के कई विधायकों ने विरोध भी किया है। विधायकों की मांग है कि यह स्कीम बंद की जानी चाहिए। विधायकों का कहना है कि इस तरह फोटो खींचे जाने से लोगों की प्राइवेसी में दखलंदाजी होती है। भाजपा विधायक माइकल लोबो ने सदन में कहा कि हमारी निजता कहां बची है? एनसीपी नेता चर्चिल अलेमाओ ने इस स्कीम को 'खतरनाक' करार दिया है। कांग्रेस के विधायक एलेक्स रेगीनाल्ड ने सवाल खड़ा किया कि ऐसी स्कीम ड्रग्स के खिलाफ क्यों नहीं चलाई जा रही है? एक विधायक ने कहा कि इस स्कीम से लोगों को दूसरों की जासूसी करने का हथियार मिल गया है। कांग्रेस विधायक नीलकंठ हरलांकर ने कहा कि गोवा के लोग सहज स्वभाव के होते हैं और हमेशा दूसरों की मदद करते हैं। अगर किसी महिला और पुरुष की फोटो कोई खींच ले और चालान के साथ यह फोटो घर पहुंच जाए तो डाइवोर्स की नौबत आ सकती है। सत्तारूढ़ और विपक्ष के विधायकों के विरोध पर कैबिनेट मंत्री सुदिन धावलिकर ने कहा है कि इस स्कीम की तत्काल प्रभाव से समीक्षा की जाएगी।