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अत्याधुनिक सुविधाओं लेस ट्रेन 'तेजस' पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार, पर किराया थोड़ा महंगा

तेज रफ्तार और अत्याधुनिक सुविधाओं लेस तेजस विमान के बाद अब पहली अत्याधुनिक सुविधा वाली ट्रेन तेजस पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार है।

sujeetkumar
Published on: 21 May 2017 9:46 AM GMT
अत्याधुनिक सुविधाओं लेस ट्रेन तेजस पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार, पर किराया थोड़ा महंगा
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नई दिल्ली: तेज रफ्तार और अत्याधुनिक सुविधाओं लेस तेजस विमान के बाद अब पहली अत्याधुनिक सुविधा वाली ट्रेन तेजस पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार है। ये कल 22 मई सोमवार से मुंबई से गोवा के बीच चलेगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को दिल्ली में इसका निरीक्षण किया।

ये 200 किमी तक की रफ्तार पर चलने में सक्षम है, परंतु ट्रैक इस लायक न होने से फिलहाल 160 किमी की रफ्तार पर ही चलेगी। रविवार (21 मई ) को ट्रेन के उद्धाटन से पहले ट्रेन पर तोड़फोड़ की खबर सामने आई है। हालांकि अभी किन लोगों ने ये तोड़फोड़ की है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। ट्रेन के सीटों की बुकिंग आज सुबह 8 बजे से शुरू हो चुकी है।



तेजस एक्सप्रेस का किराया होगा महंगा

तेजस एक्सप्रेस ट्रेन का किराया शताब्दी एक्सप्रेस के किराए से 20 फीसदी ज्यादा होगा। सीसीटीवी कैमरों और धुएं एवं आग का पता लगाने वाली प्रणालियों जैसे सुविधाओं से लैस तेजस एक्सप्रेस को रेल मंत्री सुरेश प्रभु 22 मई को मुंबई से गोवा के लिए रवाना करेंगे। ट्रेन में यात्रियों को यात्रा के दौरान खाना ऑर्डर करने का विकल्प मिलेगा। यदि कोई यात्री टिकट खरीदते वक्त भोजन का विकल्प चुनता है तो किराए में खानपान शुल्क जोड़ा लिया जाएगा।

किसी विमान से कम नहीं तेजस

ट्रेन को 200 किमी रफ्तार देने के लिए इसमें स्टील के ब्रेक डिस्क, सिंटर्ड पैड, इलेक्ट्रो-न्यूमैटिक असिस्ट ब्रेक सिस्टम जैसी विशिष्ट तकनीकी सिस्टम को अपनाया गया है। इसमें विमानों जैसी आधुनिक ऑनबोर्ड सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया गया है।

डिब्बा बनाने में लागत ढाई करोड़

तेजस एक कोच सवा तीन करोड़ का। तेजस ट्रेन को खास अंदाज देने के लिए खूबसूरत विनाइल से सुसज्जित किया गया है। पूरी ट्रेन पर खास पैटर्न छापा गया है। रंग उगते हुए सूरज की तरह रखा गया है। ट्रेन का नाम सूर्य की किरणों की तरह तेज रहने के लिए रखा गया है। हर डिब्बे को बनाने में रेलवे को 3 करोड़ 25 लाख रपए खर्च करने पडे़ हैं। शताब्दी का एक डिब्बा बनाने में लागत ढाई करोड़ की आती है।

सप्रेशन सिस्टम की सुविधाएं प्रमुख

कोच के अंदर का नजारा किसी विमान के केबिन का अहसास दिलाता है। दो तरह की सीटें एग्जीक्यूटिव क्लास और चेयर कार होंगी। तेजस में कुल 19 कोच हैं। तमाम लग्जरी सुविधाएं जैसे मेट्रो जैसे ऑटोमैटिक डोर, बायो वैक्यूम टायलेट तथा फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन सिस्टम की सुविधाएं प्रमुख हैं।

सेंसर युक्त टचलेस वॉटर टेप

इतना ही नहीं ट्रेन में सेंसर युक्त टचलेस वॉटर टेप व सोप डिस्पेंसर के अलावा हैंड ड्रायर, नई डिजाइन के डस्टबिन, सीसीटीवी, कॉल बेल, डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड व जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम, इंटीग्रेटेड ब्रेल डिस्प्ले, स्नैक टेबल, यूएसबी बेस्ड चार्जिग के अलावा एग्जिक्यूटिव क्लॉस में गैस स्पि्रंग वाला लेग सपोर्ट दिया गया है। ट्रेन में मनोरंजन के वाई-फाई की सुविधा दी गई हैं। सीट के सामने एलईडी स्क्रीन है, जिसमें अभी रिकॉर्डेड सामग्री होगी।

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