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जीएसटी से भर रहा सरकार का खजाना, हो सकता 4 लाख करोड़ का इजाफा

Manali Rastogi
Published on: 1 July 2018 11:45 AM IST
जीएसटी से भर रहा सरकार का खजाना, हो सकता 4 लाख करोड़ का इजाफा
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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी की वजह से चालू वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार के टैक्स कलेक्शन में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हो सकता है। जीएसटी को लागू हुए आज एक साल पूरा हो गया। इसे 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी कलेक्शन से 2018-19 में 2 लाख करोड़ अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। वहीं आयकर भी 2 लाख करोड़ अधिक आने की उम्मीद है।

नोटबंदी से सरकार को हुआ था इजाफा

खास बात यह है कि सरकारी खजाने को भरने के लिए सरकारों ने जितने भी बड़े और ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, उनमें जीएसटी सबसे बड़ा साबित हो रहा है। जैसे- अब तक की सबसे बड़ी कोल ब्लॉक नीलामी से सरकार को 2015 में 32 कोल ब्लॉक से 2.7 लाख करोड़ मिले थे। स्पेक्ट्रम नीलामी के सबसे बड़े प्रयास में 2016 में सरकार को करीब 65 हजार करोड़ रुपए मिले थे, जबकि लक्ष्य 5.63 लाख करोड़ अर्जित करने का रखा गया था।

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2016 में सरकार ने नोटबंदी का ऐतिहासिक कदम उठाकर आयकर में 90 हजार करोड़ रुपए का इजाफा किया था। मोदी सरकार की इनकम डिक्लेरेशन स्कीम जिसे विपक्ष ने फेयर एंड लवली स्कीम भी कहा था, से सरकारी खजाने में करीब 30 हजार करोड़ रुपए आए थे। इसी तरह सरकार ने वर्ष 2016-17 में करीब 140 विभिन्न योजनाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम से जोड़कर 57 हजार करोड़ रुपए बचाए थे। इसमें गैस सब्सिडी से करीब 29 हजार करोड़ रुपए बचे थे।

सरकार ने रखा ये लक्ष्य

जीएसटी से सरकार ने चालू वित्त वर्ष में हर महीने 1 लाख करोड़ और साल के अंत तक कम से कम 12 लाख करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2017-18 में जुलाई से लेकर मार्च तक जीएसटी के रूप में 7.19 लाख करोड़ रुपए वसूले गए। जबकि जीएसटी का असर आयकर कलेक्शन पर भी नजर आया।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक गत वित्त वर्ष 2017-18 में आयकर से 10.02 लाख करोड़ रुपए मिले थे। वर्ष 2016-17 के मुकाबले यह राशि 18 फीसदी अधिक है। 2016-17 में आयकर से 8.5 लाख करोड़ रुपए मिले थे। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में लगाए गए क्लॉज के कारण चालू वित्त वर्ष में इनकम टैक्स कलेक्शन में 20 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।

लग सकता है सालभर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस की प्रोफेसर आर. कविता राव कहती हैं कि जीएसटी को पूरी तरह सेटल होने में अभी एक साल और लग सकता है। आगे चलकर जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी हो सकती है।

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कहते हैं कि एक साल पहले लागू जीएसटी से आम उपभोक्ताओं को कोई खास लाभ नहीं मिला। इसकी मुख्य वजह यह रही कि जीएसटी अभी स्थिर टैक्स प्रणाली नहीं है। पिछले एक साल में जीएसटी प्रणाली से जुड़ी 100 अधिसूचना जारी की गईं।

मतलब हर तीसरे दिन नई अधिसूचना। ऐसे में, उपभोक्ता और व्यापारी दोनों ही जीएसटी की स्थिरता को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जीएसटी से मिलने वाले अतिरिक्त कलेक्शन को सरकार देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी।

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