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सर्वोच्च न्यायालय में माल्या की सजा पर सुनवाई टली
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की न्यायालय में पेशी तक उनकी सजा पर सुनवाई टाल दी। माल्या को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पेश न
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की न्यायालय में पेशी तक उनकी सजा पर सुनवाई टाल दी। माल्या को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पेश न होने तथा उसके आदेश के बावजूद अपनी और अपने परिवार की संपत्ति का ब्योरा पेश न करने को लेकर अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया गया है।
माल्या के प्रत्यर्पण के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संदर्भ में न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल तथा न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने कहा, "मामले की सुनवाई न्यायालय में माल्या की पेशी के बाद की जा सकती है।"
संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने अपने आदेश में कहा, "अवमानना के दोषी माल्या न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुए हैं।"
पीठ ने कहा, "भारत सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए हैं, पर अब भी उन्हें पेश किया जाना बाकी है। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है और उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।"
सुनवाई की शुरुआत में महान्यायवादी के.के.वेणुगोपाल ने न्यायालय को माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। माल्या फिलहाल ब्रिटेन में हैं।
न्यायालय को बताया गया कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश अदालत में अंतिम सुनवाई चार दिसंबर से शुरू होगी और महीने के अंत में खत्म हो जाएगी।
माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी वेणुगोपाल न्यायालय को दे रहे थे, इसी दौरान न्यायमूर्ति गोयल ने कहा कि वह मामले की सुनवाई तभी करेंगे, जब उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने बीते नौ मई को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था, क्योंकि आदेश के बाद भी वह अदालत में पेश नहीं हुए थे और उन्होंने अपनी संपत्ति का भी खुलासा नहीं किया था।