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एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रही तृणमूल कांग्रेस और भाजपा

seema
Published on: 26 April 2019 6:34 AM GMT
एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रही तृणमूल कांग्रेस और भाजपा
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एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रही तृणमूल कांग्रेस और भाजपा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा, दोनों के लिए लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी, नागरिकता (संशोधन) विधेयक और घुसपैठ प्रमुख मुद्दे हैं। रोजगार सृजन, अल्पसंख्यकों को रिझाना, भ्रष्टाचार, केंद्र में अगली सरकार बनाने में तृणमूल कांग्रेस की भूमिका, बालाकोट हवाई हमलों की सच्चाई भी महत्वपूर्ण मुद्दे बनकर सामने आए हैं। एनआरसी, नागरिकता (संशोधन) विधेयक और घुसपैठ के मुद्दे की गूंज राज्य में जमीनी स्तर पर भी सुनाई दे रही है। बड़ी संख्या में शरणार्थियों के प्रवेश करने और विभाजन के बाद से लगातार घुसपैठ के कारण ये मुद्दे निकले हैं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह फिर से सत्ता में आने पर देशभर में खासतौर से पश्चिम बंगाल में एनआरसी और नागरिकता विधेयक लागू करने पर लगातार जोर देते रहे हैं। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरी ताकत से इसका विरोध करने का वादा किया है। एनआरसी तब विवादों में आया जब असम में रह रहे करीब 40 लाख लोगों के नाम 2018 में जारी अंतिम मसौदे से पूरी तरह हटा दिए गए। ममता बनर्जी लगातार दावा करती रही हैं कि एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक असल में भारतीय नागरिकों को ही शरणार्थी बना देगा।

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शाह ने 11 अप्रैल को राज्य में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए घुसपैठ का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को 'दीमकÓ करार दिया। टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, 'हम जनता के पास यह संदेश लेकर जा रहे हैं कि एनआरसी और नागरिकता विधेयक लोगों पर कैसे असर डालेगा और कैसे भाजपा उन्हें इन मुद्दों पर भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और हम शरणार्थी नहीं बनना चाहते। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर पार्टी सत्ता में आयी तो अवैध मदरसों के खिलाफ कदम उठाया जाएगा और राज्य में तुष्टिकरण बंद किया जाएगा।

अमित शाह ने खेला हिंदू कार्ड

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी सभाओं में कहा है कि पूरे बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों पर उर्दू थोपना चाहती है। उन्होंने कहा कि बंगाल में हर जगह तृणमूल कांग्रेस के गुंडा और माफिया का तांडव चल रहा है। उन्होंने कहा कि बंगाल को जंगल राज से मुक्त कराना है। ममता बनर्जी के मां-माटी और मानुष की सरकार में अब मां चली गयी है, सीमा पार घुसपैठियों को बेचकर मिट्टी का अपमान हो रहा है और बंगाल के मानुष की जान ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं वादा करता हूं कि असम की तरह ही बंगाल में भी एनआरसी लाया जाएगा। एक-एक घुसपैठिए को रोका जायेगा। बांग्लादेश, पाकिस्तान कहीं से भी जो शरणार्थी आए हैं, वो हमारे भाई हैं, उन्हें नागरिकता देकर भाई बनाउंगा। उन्होंने कहा कि घुसपैठी बंगाल की धरती पर दीमक की तरह है, इससे गरीबों की मजदूरी छीन रही है। बंगाल में दुर्गापूजा और रामनवमी मनाने के लिए अनुमति लेना पड़ता है। इस परंपरा को बदलने के लिए बंगाल की सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।

बड़ी मुस्लिम आबादी

भारत-बांग्लादेश सीमा के समीप संसदीय सीटों - राजगंज, कूचबिहार, बालुरघाट, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, ब्रह्मपुर, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, जयनगर, बशीरहाट, बनगांव में बड़ी तादाद में मुस्लिम आबादी है। टीएमसी की राज्य में अल्पसंख्यक मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है और वह यह प्रचार कर रही है कि कैसे भाजपा एनआरसी के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने सारदा और रोज वैली चिट फंड घोटालों और नारद स्टिंग ऑपरेशन के बाद भ्रष्टाचार को भी प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। वहीं, राज्य में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही माकपा और कांग्रेस रोजगार सृजन तथा किसानों की कर्ज माफी के मुद्दों पर जोर दे रहे हैं।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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