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AIMPLB ने कहा-तीन तलाक नहीं होगा तो लोग अपनी पत्नियों का करेंगे कत्‍ल

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Published on: 2 Sep 2016 9:05 PM GMT
AIMPLB ने कहा-तीन तलाक नहीं होगा तो लोग अपनी पत्नियों का करेंगे कत्‍ल
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नई दिल्लीः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने एक अनोखा तर्क देते हुए तीन तलाक को औरतों की जान बचाने वाला बताया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बोर्ड ने कहा कि अगर तीन तलाक की व्यवस्था खत्म हो जाएगी तो लोग अपनी पत्नियों को कत्ल कर देंगे या जिंदा जलाने लगेंगे। बोर्ड ने साथ ही ये भी कहा कि समाज सुधार के नाम पर किसी समुदाय के पर्सनल लॉ नहीं बदले जा सकते

किस तरह दी जान बचने की दलील?

एआईएमपीएलबी ने अपनी दलील में कहा, "अगर पति-पत्नी के बीच गंभीर अनबन हो जाए और पति उसके साथ बिल्कुल न रहना चाहे, तो अदालतों के जरिए तलाक लेने और इसमें होने वाला खर्च आदमी को परेशान कर सकता है। वह ऐसे में अवैध और आपराधिक राह पर चलते हुए अपनी पत्‍नी का कत्ल या उसे जिंदा जला सकता है।"

अदालत में और क्या कहा?

एआईएमपीएलबी ने अदालत में कहा कि बहुविवाह, तीन तलाक (तलाक-ए-बिदात) और निकाह हलाला से कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है। बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ कुरान शरीफ पर आधारित है। अदालतें इन पर अपनी व्याख्या नहीं कर सकतीं। उसने ये भी कहा कि ये गलत धारणा है कि तलाक के मामलों में मुस्लिम पुरुषों को एकाधिकार हासिल है। बोर्ड ने कहा कि इस्लाम के मुताबिक महिलाएं भी पुरुषों को तलाक दे सकती हैं।

बहुविवाह पर क्या कहा?

बहुविवाह पर एआईएमपीएलबी ने कहा कि इस्लाम में इसकी गुंजाइश है, लेकिन बहुविवाह को वह बढ़ावा भी नहीं देता। बोर्ड ने कहा कि 1991 की वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासियों में 15.25, बौद्धों में 7.97, हिंदुओं में 5.80 फीसदी के मुकाबले मुस्लिमों में सिर्फ 5.73 फीसदी ही बहुविवाह देखा गया है। बोर्ड ने ये भी कहा कि इस्लाम ने हमेशा ही तलाक को गलत पाया है, सिर्फ जहां हालात सुधरने वाले न हों, वहीं तलाक की मंजूरी दी गई है। बोर्ड ने ये भी कहा कि कानून के जरिए मुस्लिम महिलाओं के हकों की सुरक्षा की गई है। फिर अदालत इसमें कोई दखलंदाजी नहीं कर सकती।

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