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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव : 22 अपराधी और 35 करोड़पति प्रत्याशी

raghvendra
Published on: 17 Feb 2018 10:38 AM GMT
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव : 22 अपराधी और 35 करोड़पति प्रत्याशी
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अगरतला। त्रिपुरा में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे 297 उम्मीदवारों में से 22 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और 35 करोड़पति हैं। देखा जाए तो सात फीसद प्रत्याशी आपराधिक छवि के हैं जबकि 12 फीसद करोड़पति हैं। लोकतांत्रिक सुधारों की दिशा में काम कर रहे गैर सरकारी संगठन एडीआर अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।

त्रिपुरा इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी बताया गया है कि छह प्रतिशत यानी 17 उम्मीदवारों के खिलाफ दंगा, हत्या, आपराधिक धमकी और बलात्कार के आरोप हैं। सिर्फ एक प्रत्याशी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है। इन आपराधिक छवि के उम्मीदवारों में से 11 भाजपा, चार कांग्रेस, दो माकपा, दो आईपीएफटी, एक तृणमूल कांग्रेस और अन्य स्वतंत्र उम्मीदवार हैं।

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त्रिपुरा इलेक्शन वॉच के संयोजक बिस्वेंदु भट्टाचार्य ने बताया कि ये जानकारियां उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान दिए गए हलफनामों में मौजूद है। इसी तरह से संपत्ति के मामले में पांच करोड़ से अधिक संपत्ति वाले पांच प्रत्याशी हैं। जबकि 13 दो से पांच करोड़ के बीच, 44 पचास लाख से दो करोड़ के बीच 86 दस लाख से पचास लाख के बीच व 140 दस लाख से कम संपत्ति वाले हैं।

चुनाव लड़ रहे करोड़पति प्रत्याशियों में भाजपा के 18, कांग्रेस के नौ, माकपा के चार, आईएनपीटी के दो, आईपीएफटी और तृणमूल कांग्रेस का एक एक प्रत्याशी है। इन प्रत्याशियों में संपत्ति का औसत 46.95 लाख है। दलगत आधार पर देखा जाए तो कांग्रेस का प्रति प्रत्याशी यह औसत 53.16 लाख है। भाजपा का 1.35 करोड़ है। तृणमूल कांग्रेस का 9.93 लाख है। आईएनपीटी का 36.44 लाख है। आईपीएफटी का 23 लाख व निर्दलीयों का 7.25 लाख है।

सबसे अधिक संपत्ति के मामले में भाजपा के जिश्नु देववर्मा सबसे आगे हैं इनकी कुल संपत्ति 11 करोड़ से ऊपर है। जबकि कांग्रेस के केबल कांति नंदी छह करोड़ से अधिक संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं तथा तीसरे नंबर पर भाजपा के ही बिप्लब कुमार घोष हैं जिनके पास पांच करोड़ से अधिक संपत्ति है। इस चुनाव में दो प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिनकी कोई संपत्ति नहीं है। इनकी संपत्ति जीरो है। ये दोनो कांग्रेस के है। टीपीपी के तीन प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी कुल संपत्ति सौ से पांच सौ रुपए के बीच है।

इस चुनाव में तीन प्रत्याशी ऐसे भी लड़ रहे हैं जिनकी कुल देनदारी सात करोड़ से 70 लाख के बीच है। 80 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने पैन कार्ड का ब्योरा नहीं भरा है। केवल पांच प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होने इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी कुल आय तीस लाख से ऊपर बतायी है। 29 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी आय का स्रोत नहीं बताया है। 231 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने अपना इनकम टैक्स का ब्योरा नहीं दिया है। इनमें तीन करोड़पति उम्मीदवार भी हैं जिन्होंने इनकम टैक्स का ब्योरा नहीं भरा है।

अन्य विवरण में 173 प्रत्याशियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता कक्षा पांच से 12वीं तक बतायी है।121 प्रत्याशियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता बीए या उससे ऊपर बतायी है। एक प्रत्याशी ने खुद को साक्षर बताया है। दो ने डिप्लोमाधारी होना बताया है। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में 140 पच्चीस से 50 साल के बीच बतायी है। 156 प्रत्याशी 51 से 80 के बीच हैं जबकि एक 80 साल से ऊपर के हैं। इस चुनाव में केवल 24 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। त्रिपुरा में 60 सीटों पर विधानसभा का चुनाव 18 फरवरी को होने जा रहा है और इसके परिणाम तीन मार्च को जारी होंगे। वहीं, सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले शीर्ष 10 उम्मीदवारों में सात भाजपा के और तीन कांग्रेस के हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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