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Jharkhand News: झारखंड में मंत्री पद को लेकर जबर्दस्त खींचतान,कांग्रेस के दावेदारों ने दिल्ली में डाला डेरा
Jharkhand News: झारखंड के चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के बाद कांग्रेस की ओर से पहले डिप्टी सीएम पद की मांग की गई थी मगर हेमंत सोरेन ने डिप्टी सीएम पद देने से साफ इनकार कर दिया था।
Jharkhand News: झारखंड के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को मिली भारी जीत के बाद मंत्री पद को लेकर घटक दलों के नेताओं में भारी खींचतान की स्थिति दिख रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने गुरुवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद के शपथ ली थी मगर इस दौरान किसी अन्य नेता को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई गई थी। सोरेन के अकेले शपथ लेने के पीछे मंत्री पद को लेकर चल रही भारी जोड़-तोड़ को ही कारण माना जा रहा है।
कांग्रेस ने इस बार के विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत हासिल की है मगर पार्टी के कई नेता मंत्री पद पाने के लिए जोड़-तोड़ करने में जुटे हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व का समर्थन हासिल करने के लिए दिल्ली में डेरा डाल रखा है। राजद और भाकपा माले की ओर से भी मंत्री पद को लेकर दबाव बनाने की बात सामने आई है। विधायकों के दबाव के कारण कांग्रेस और राजद नेतृत्व भी उलझन में फंसा दिख रहा है।
शपथ ग्रहण में इंडिया ब्लॉक का शक्ति प्रदर्शन
झारखंड में गुरुवार को हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक की ओर से शक्ति प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव, आप मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे। विपक्ष के कई अन्य नेताओं ने भी अपनी मौजूदगी से इंडिया गठबंधन की ताकत का प्रदर्शन किया।
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हेमंत सोरेन के साथ तीन कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली थी मगर गुरुवार के शपथ ग्रहण समारोह में हेमंत सोरेन ने अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस बार के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुवाई में इंडिया गठबंधन 56 सीटों पर कामयाब रहा है। झामुमो ने 34, कांग्रेस ने 16, राजद ने चार और भाकपा माले ने दो सीटों पर जीत हासिल की है।
कांग्रेस में मंत्री पद को लेकर खींचतान
जानकार सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को हेमंत सोरेन के अकेले शपथ लेने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि घटक दलों के बीच मंत्री पद को लेकर नाम तय नहीं हो पा रहे हैं। सबसे ज्यादा खींचतान की स्थिति कांग्रेस में दिख रही है। पिछली सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बनने वाले तीन नेता इस बार चुनाव जीत गए हैं जबकि बन्ना गुप्ता को जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय के सामने हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले कई विधायक रांची से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं ताकि उन्हें मंत्री बनने में कामयाबी मिल सके। कांग्रेस ने पर्यवेक्षक के तौर पर तारिक अनवर को झारखंड भेजा था मगर प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और तारिक अनवर को अभी तक मंत्री पद के लिए नाम तय करने में कामयाबी नहीं मिल सकी है।
कांग्रेस के दावेदारों ने दिल्ली में डाला डेरा
इस बीच कांग्रेस कोटे से मंत्री पद के दावेदारों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। वे मंत्री पद हासिल करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दिल्ली में डेरा डालने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री दीपिका पांडे सिंह, कुमार जयमंगल सिंह, राजेश कच्छप, पार्टी की वरिष्ठ नेता ममता देवी और भूषण बारा आदि के नाम शामिल हैं।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की भी अपनी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी कुछ विधायकों की पिरवी में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधा है। कांग्रेस कोटे से चार विधायकों के मंत्री बनने की संभावना है मगर तमाम नेताओं की दावेदारी से पेंच फंस गया है।
राजद में भी मंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़
इस बार के विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर चार विधायक चुने गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजद नेतृत्व को साफ तौर पर संदेश दिया है कि राजद कोटा से सिर्फ एक विधायक को मंत्री बनाया जाएगा मगर राजद की ओर से दो मंत्री पद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। राजद विधायकों ने भी मंत्री बनने के लिए पूरा जोर लगा रखा है जिससे नाम तय करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। भाकपा माले को एक मंत्री पद मिलने की संभावना है।
कांग्रेस को स्पीकर पद देने से सोरेन का इनकार
झारखंड के चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के बाद कांग्रेस की ओर से पहले डिप्टी सीएम पद की मांग की गई थी मगर हेमंत सोरेन ने डिप्टी सीएम पद देने से साफ इनकार कर दिया था। अब कांग्रेस की ओर से विधानसभा के स्पीकर पद को लेकर भी दबाव बनाया जा रहा है मगर हेमंत सोरेन झामुमो विधायक को ही स्पीकर के पद पर बिठाना चाहते हैं। सोरेन के इस रुख के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस को झारखंड में चार मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ेगा मगर इन नामों को तय करना भी आसान नहीं माना जा रहा है।
आदिवासियों और महिलाओं को मिलेगी अहमियत
इस बार झारखंड की सत्ता में सोरेन की वापसी में आदिवासियों के समर्थन को बड़ा कारण माना जा रहा है। ऐसे में जानकारों के मुताबिक हेमंत सोरेन की ओर से आदिवासी समुदाय से जुड़े कुछ नए चेहरों को भी मौका दिया जा सकता है। सोरेन को महिलाओं का समर्थन भी जमकर मिला है।
इसलिए सोरेन मंत्रिमंडल में महिला चेहरों को भी जगह मिलना तय माना जा रहा है। इस बार के चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद हेमंत सोरेन आत्मविश्वास से भरे दिख रहे हैं और जानकारों का कहना है कि घटक दलों को भी विभिन्न मुद्दों पर सोरेन की बात माननी होगी।