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Twitter Moves High Court: ट्वीटर और केंद्र के बीच बढ़ी तनातनी, मामला पहुंचा हाईकोर्ट
Twitter Moves High Court: आईटी मंत्रालय का कहना था कि अगर इन ट्वीटस को नहीं हटाया गया तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय का कहना था कि आदेश का उल्लंघन करने पर ट्वीटर के मुख्य अनुपालन अधिकारी पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
Twitter Moves High Court: केंद्र सरकार और सोशल मीडिया कंपनी ट्वीटर के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। कंपनी ने कॉन्टेंट हटाने के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पिछले साल यानी 2021 में केंद्र सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों से कुछ कॉन्टेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया था। इनमें से कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स कोरोना महामारी से जुड़ी हुई भी थीं। जिन लोगों के अकाउंट्स में पब्लिश सामग्री को हटाने के लिए कहा गया था, उनमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, मोदी सरकार के कटु आलोचक फिल्मकार विनोद कापड़ी के नाम शामिल हैं।
भारत सरकार की तरफ से पिछले साल जनवरी और अप्रैल में ये नोटिस जारी किए गए थे। आईटी मंत्रालय का कहना था कि अगर इन ट्वीटस को नहीं हटाया गया तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय का कहना था कि आदेश का उल्लंघन करने पर ट्वीटर के मुख्य अनुपालन अधिकारी पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार को कंपनी ने सरकार के इन्हीं आदेशों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी का कहना है कि कॉन्टेट को ब्लॉक करने का आदेश आईटी एक्ट के सेक्शन 69 (A) से अलग है। बतातें चलें कि आईटी एक्ट के सेक्शन 69 (A) के अनुसार, अगर कोई सोशल मीडिया पोस्ट या अकाउंट सामाजिक व्यवस्था को बिगाड़ सकता है या देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ सामग्री पोस्ट करता है तो फिर ऐसी पोस्ट्स और अकाउंट के खिलाफ सरकार एक्शन ले सकती है।
इस बीच केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कोई भी कंपनी हो, किसी भी क्षेत्र में हो, उसे भारत के कानून मानने ही चाहिए। ये सभी की जिम्मेदारी की है जो कि देश की संसद से पास कानून है उसका सभी पालन करें। बता दें कि बीते कुछ समय से ट्वीटर और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता देखा गया है। किसान आंदोलन के दौरन सरकार और ट्वीटर के बीच तनाव चरम पर पहंच गया था।
केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारों से भी ट्वीटर के मतभेद रहे हैं। यूपी पुलिस ने बीते साल ट्वीटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी को आपराधिक दंड सहिंता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया था। तब माहेश्वरी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रूख कर अंतरिम राहत ले ली थी। इसके बाद यूपी सरकार ने उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जो फिलहाल लंबित है।