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Punganur Cow: बड़े काम की है दो फुट की पुंगनुर गाय

Punganur Cow: पुंगानुरू मुख्य रूप से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की नस्ल है, गाय की इस नस्ल का नाम चित्तूर जिले के पुंगनूर के नाम पर रखा गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 12 Dec 2022 11:24 AM GMT
Punganur Cow
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Punganur Cow। (Social Media)

Punganur Cow: भारत में गायों की 50 देसी नस्लें हैं, हर एक नस्ल की अपनी खासियतें हैं, ऐसी ही एक विलुप्त होती नस्ल है पुंगनूर जो अपने छोटे कद के लिए मशहूर है। पुंगानुरू मुख्य रूप से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की नस्ल है, गाय की इस नस्ल का नाम चित्तूर जिले के पुंगनूर के नाम पर रखा गया है। पुंगनूर नस्ल के दूध में फैट की मात्रा अधिक होती है और यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

पुंगनूरू नस्ल के दूध में होता है 8 प्रतिशत फैट

गाय के दूध में सामान्य रूप से फैट की मात्रा 3 से 3.5 प्रतिशत होती है, जबकि पुंगनूरू नस्ल के दूध में 8 प्रतिशत फैट होता है। ये आंध्र प्रदेश में आज के वक्त में भी लोगों का स्टेटस सिंबल बनी हुई है। पुंगनूर की गायों की ऊंचाई मात्र 1 से 2 फीट तक होती है। और इसका वजन १०० से १५० किलो तक का होता है। इस गाय का जोड़ा एक लाख से २५ लाख तक में बिकता है। गाय जितनी छोटी होती है, उसका दाम उतना ही ज्यादा होता है।

पुंगनुरू गाय रोजाना औसतन 3 से 5 लीटर दूध देती है और यह एक दिन में लगभग 5 किलो चारा ही खाती है। इसकी सबसे अच्छी बात यह नस्ल सूखा प्रतिरोधी किस्म की होती है, इसलिए दक्षिण भारत में इसे ज्यादा पाला जाता था।

एनबीएजीआर के अनुसार पुंगानुर गोवंश की संख्या 13275

नस्ल सर्वेक्षण के आधार पर नस्लवार पशुधन जनसंख्या 2013 के अनुसार आंध्र प्रदेश में पुंगानुर गायों की संख्या सिर्फ 2,772 थी, लेकिन पुंगानुरू नस्ल के संरक्षण पर काम ने के कारण इसकी संख्या काफी बढ़ी है। 2019 में की गई 20वीं पशुधनसंतगणना और‍ एनबीएजीआर के अनुसार पुंगानुर गोवंश की संख्या 13275 है। यह देश में सबसे कम संख्या वाली गोवंश नस्लों में तीसरे नंबर है।

देश में बेलाही नस्ल की गायों की संख्या सबसे कम 5264 है। दूसरे नंबर पर पणिकुलम (13934) तीसरे नंबर पर पुंगानुर (13275) चौथे पर वेचुर (15181) और पांचवे नंबर पर डागरी (15000) है।

2020 में पुंगानुर नस्ल के संरक्षण के लिए मिशन पुंगानुरू शुरू

आंध्र प्रदेश सरकार ने साल 2020 में पुंगानुर नस्ल के संरक्षण के लिए मिशन पुंगानुरू शुरू किया था जिसमें पांच सालों के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 69.36 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। कडप्पा जिले का श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय इस पर काम कर रहा है।

Deepak Kumar

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