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U'Khand: चट्टान काटने के ब्लास्ट में दो की मौत, दो अन्य घायल
देहरादून: नेपाल सीमा से लगी निर्माणाधीन टनकपुर-जौलजीवी (टीजे) मोटर मार्ग में ढूलीगाड से चूका तक के पहले हिस्से में चट्टान काटने के लिए किए गए ब्लास्ट में दो मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य घायल हैं। एसडीएम ने कार्यदायी संस्था के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
कठोर चट्टान को काटने के लिए विस्फोटकों में आग लगाने के साथ ही पहाड़ी का एक हिस्सा मजूदरों के ऊपर गिर गया। इस हादसे में पिथौरागढ़ निवासी भवानीदत्त भट्ट पुत्र हरी दत्त एवं एक अन्य की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, प्रताप सिंह (19 वर्ष) पुत्र पूरन सिंह निवासी ग्राम तातापानी नेपाल और मोहन सिंह धामी (22 वर्ष) निवासी जगबुड़ा नेपाल गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर गए एसडीएम टनकपुर एके चन्याल व सीओ आरएस रौतेला ने लोनिवि के प्रोजेक्ट यूनिट मैनेजर अश्वनी कुमार, अवर अभियन्ता विजेन्द्र सिंह से सारी जानकारी जुटाकर डीएम को रिपोर्ट भेज दी है।
17 किमी. बननी है सड़क
यह सड़क भारत नेपाल सीमा पर बन रही है। सड़क को टनकपुर से जौलजीवी तक बनाया जाना है। पहले चरण में ठुलीगाढ़ से चूका तक 17 किमी का कार्य चल रहा है। इस मार्ग में कठोर चट्टानों को विस्फोटकों से उड़ाने के बजाय रॉकब्रेकर का इस्तेमाल किए जाने का फैसला किया गया था।
190 करोड़ रुपए की लागत
इसमें रुपालीगाड़ तक 190 करोड़ रुपए की लागत से दो पैकेजों में कुल 43 किमी मार्ग की कटिंग होनी है। इसके अलावा अवस्थापना निगम लधिया नदी पर 690 मीटर लम्बे पुल का निर्माण करने वाला है। ठुलीगाड से चूका तक 17.875 किमी हिस्से में से 17 किमी से अधिक मार्ग की कटिंग पूरी हो चुकी है। इस सड़क के निर्माण का दायित्व लोनिवि की सहयोगी परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) को दी गई है।
ये कहना है अधिकारी का
अधिशासी अभियंता बीसी पंत का कहना है कि दो जगह करीब 300 मीटर में बेहद कठोर चट्टान है। पूर्णागिरि धाम की पहाड़ी के करीब होने के कारण विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया, कि 'कठोर चट्टान को काटने के लिए विस्फोट के बजाय रॉकब्रेकर का उपयोग करने का फैसला किया गया था।'
यह भी पता चला है कि विख्यात पूर्णागिरी धाम के निचले हिस्से में सड़क की कटिंग के चलते काफी हलचल है। मंदिर भी प्रभावित होने की आशंका है। पुजारी किशन तिवारी का कहना है कि अभी तक मंदिर की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है।