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Amrit Bharat Express: नहीं बढ़ेगी ट्रेन की स्पीड, न घटेगी दूरी, तो कैसे अमृत भारत अन्य ट्रेनों से जल्दी पहुंचेगी
Amrit Bharat Express: जिस ट्रेन का नाम अमृत भारत रखा गया है उसे भारतीय रेलवे ने ट्रेन सेट में नई तकनीक पुश पुल को 'इंट्रोड्यूस' किया है। इसमें खास बात है कि यह ट्रेन आम लोगों और श्रमिकों के लिए चलाई जा रही है, जिसमें स्लीपर और जनरल क्लास ही हैं...
Amrit Bharat Express: पीएम मोदी अयोध्या को पूरे देश से जोड़ना चाहते हैं। इसीलिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या से ही कई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसमें दिल्ली और अयोध्या को जोड़ने वाली दो ट्रेनें भी शामिल हैं। एक अमृत भारत एक्सप्रेस और दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है। वंदे भारत जहां दिल्ली से कानपुर, लखनऊ होते हुए अयोध्या पहुंचेगी तो वहीं दिल्ली से अयोध्या को जोड़ने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस दिल्ली से वाया गोरखपुर होकर दरभंगा जाएगी। अमृत भारत भारतीय रेल की नई ट्रेन है, जो वंदे भारत की टेक्नोलॉजी पर ही काम करेगी। यह ऐसी ट्रेन होगी जिसमें केवल जनरल और स्लीपर कोच ही होंगे।
अमृत भारत की ये है खासियत-
अमृत भारत ट्रेन की खास बात यह है कि मौजूदा स्लीपर ट्रेनों की तुलना में इस ट्रेन की न तो स्पीड बढ़ेगी और न ही स्टेशनों की दूरी कम हो रही है, इसके बावजूद यह ट्रेन यात्रियों को उनके गंतव्य पर जल्दी पहुंचाएगी। देश की ऐसी पहली खास ट्रेन के संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है। मौजूदा समय में भारतीय रेलवे में दो तरह की ट्रेनों का संचालन हो रहा है। पहला जिसमें इंजन लगता है, इस श्रेणी में शताब्दी, राजधानी समेत सभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनें आती हैं और दूसरा ट्रेन सेट है, इसमें वंदे भारत और ईएमयू ट्रेनें आती हैं।
देश में पहली बार पुश पुल तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है
भारतीय रेलवे ने ट्रेन सेट में नई तकनीक पुश पुल को 'इंट्रोड्यूस' किया है। इस ट्रेन का नाम अमृत भारत दिया गया है। इसमें खास बात यह है कि यह ट्रेन आम लोगों और श्रमिकों के लिए चलाई जा रही है, जिसमें स्लीपर और जनरल क्लास होंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश में पहली बार पुश पुल तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। वंदेभारत समेत अन्य ट्रेन सेट में दो कोच के बाद मोटर लगी होती है, लेकिन इसमें आगे और पीछे दो इंजन लगे हैं। इसे वंदेभारत का मॉडिफाइड वर्जन माना जा सकता है। साथ ही दो कोचों को आपस में जोड़ने के लिए सेमी परमानेंट कपलिंग लगी है। दो इंजन का सबसे बड़ा फायदा ट्रेन का पिकअप ज्यादा होगा। साथ ही जब ट्रेन धीमी होगी तो कम समय में ही दोबारा से स्पीड पकड़ लेगी।
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन की स्पीड से उतना फर्क नहीं पड़ता, जितना उसके पिकअप से पड़ता है। ट्रेन रास्ते में पड़ने वाले कर्व, बिज्र और सिग्नल में धीमी होती है और उसे दोबारा से स्पीड पकड़ने में समय लगता है। लेकिन अमृत भारत ट्रेन कम समय में दोबारा से स्पीड पकड़ सकती है। इस तरह वो गंतव्य तक अन्य स्लीपर ट्रेनों के मुकाबले जल्द पहुंचेगी।
इसलिए भी खास है अमृत भारत
-वंदे भारत की तरह पुश-पुल ट्रेनों में भी दोनों तरफ पावरफुल इंजन लगेंगे। आगे वाला इंजन ट्रेन को खींचेगा, पीछे वाला धक्का देगा।
-दोनों इंजनों के संचालित होने से ट्रेन की गति बढ़ जाएगी। ट्रेन स्टेशनों पर जिस गति से रुकेगी, उसी गति से रफ्तार (पिकअप) भी पकड़ लेगी। ट्रेन की गति 130 किमी प्रति घंटा होगी।
-अमृत भारत ट्रेन में भले ही वंदे भारत की तरह दो इंजन लगे होंगे, लेकिन इसकी विशेषता अलग होगी, जो यात्रियों को अतिरिक्त खास सुविधा प्रदान करेगी।
-नए डिजाइन के कोचों से यात्रा सुरक्षित तो होगी ही, यात्रियों को झटके भी नहीं लगेंगे। ट्रेन में सिर्फ स्लीपर (शयनयान) और जनरल (साधारण) कोच लगेंगे।
-एक ट्रेन की रेक में स्लीपर के 12, जनरल के 8, एक-एक पार्सल यान और ब्रेक यान (गार्ड यान) सहित कुल 22 कोच लगाए जाएंगे।
-अमृत भारत में पावरकार नहीं लगेगी। दोनों इंजनों से ही कोचों में बिजली की आपूर्ति होगी। इससे पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा।
-स्टेशन यार्ड और रास्ते में इंजन के रिवर्सल दिशा बदलने से मुक्ति मिलेगी।
-अगर किसी यात्री को अमृत भारत ट्रेन में सफर करना है, तो इसके लिए ट्रेन का नाम लेकर टिकट लेना होगा। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि जहां ट्रेनों के किराये में अंतर है, वहीं टिकट पर भी अमृत भारत लिखा हो सकता है।