छोड़िए महंगा पेट्रोल, अब गोबर गैस से दौड़ाइए बाइक

महंगे पेट्रोल की मार झेल रहे बाइक सवारों के लिए अच्छी खबर है। अब आपकी गाड़ी पेट्रोल से नहीं गोबर गैस से दौड़ेगी। कुछ नौजवानों ने इसका आविष्कार किया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अक्षय ऊर्जा विभाग के छह छात्रों ने इसका अविष्कार किया है।

Dharmendra kumar
Published on: 10 Jan 2019 1:27 PM GMT
छोड़िए महंगा पेट्रोल, अब गोबर गैस से दौड़ाइए बाइक
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लखनऊ: महंगे पेट्रोल की मार झेल रहे बाइक सवारों के लिए अच्छी खबर है। अब आपकी गाड़ी पेट्रोल से नहीं गोबर गैस से दौड़ेगी। कुछ नौजवानों ने इसका आविष्कार किया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अक्षय ऊर्जा विभाग के छह छात्रों ने इसका अविष्कार किया है।

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यह मोटरसाइकिल केवल प्रदर्शन के लिए नहीं है, बल्कि सड़कों पर बाकायदा दौड़ भी रही है। आविष्कार करने वाले छात्रों के नाम हैं अभिषेक खरे, आदर्श यादव, एहतेशाम कुरैशी, प्रवीण चंद्राकर, पंकज चेलक व यश पराड़। इस बाइक को आप तेज गति से दौड़ा सकते हैं और 5 किलो गैस में 240 किमी चलेगी।

छात्रों ने खुद ही गैस किट भी विकसित की है।

ऐसे बनाया जा सकता है

छात्रों का कहना है कि फार्मूला बेहद साधारण सा है। सबसे पहले पानी के दो जार लेना होता है। दोनों ही जारों में पांच-पांच किलो गोबर डालते हैं। दोनों जारों में पानी की मात्रा भी बराबर रखते हैं। इसके बाद दोनों जारों को बंदकर उसमें से एक पतला पाइप निकाल दिया जाता है, जिसके सहारे गैस निकल सके। उससे निकलने वाली गैस को एक ट्यूब में एकत्र कर लिया जाता है। जब ट्यूब में दो किलो गैस भर जाती है तब उसे फैरिक्साइड यानी जंग लगे लोहे के पानी के साथ क्रिया करवाई गई। इससे गैस तैयार तो हो गई, लेकिन शुद्ध नहीं थी, इंजन को नुकसान पहुंचा सकती थी।

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इससे बचने के लिए इस गैस के साथ सोडियम हाइड्राक्साइड की क्रिया करवाई गई। अंतत: मनमाफिक परिणाम देने वाली गैस तैयार हो गई। अब इस गैस को बाइक में टंकी की जगह लगे पांच किलो के सिलेंडर में भर दिया गया। गाड़ी दौड़ लगी। पुरानी बाइक खरीदकर इसे इस तरह बनाने में कुल खर्च आया 45 हजार रुपये। इन होनहारों का मानना है कि इससे जहां पेट्रो संकट से हम उबर सकेंगे वहीं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहद प्रभावी भूमिका भी अदा कर सकेंगे।

Dharmendra kumar

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