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उद्धव सरकार ने कर्ज माफी पर चली चाल, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
महाराष्ट्र में जिन किसानों ने अप्रैल 2015 और मार्च 2019 के बीच कृषि ऋण लिया है, और कर्ज की राशि दो लाख रुपये से अधिक है, वे कर्ज माफी योजना के पात्र नहीं होंगे। शनिवार को यहां जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में यह जानकारी दी गई। बता दें कि उद्धव ठाकरे की सरकार ने कुछ सप्ताह पहले कर्ज माफी योजना की घोषणा की थी।
मुंबई : महाराष्ट्र में जिन किसानों ने अप्रैल 2015 और मार्च 2019 के बीच कृषि ऋण लिया है, और कर्ज की राशि दो लाख रुपये से अधिक है, वे कर्ज माफी योजना के पात्र नहीं होंगे। शनिवार को यहां जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में यह जानकारी दी गई। बता दें कि उद्धव ठाकरे की सरकार ने कुछ सप्ताह पहले कर्ज माफी योजना की घोषणा की थी।
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अलग-अलग किसान नेताओं और विपक्ष ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह किसानों के साथ धोखा है, क्योंकि अधिकतर किसान इस शर्त की वजह से योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे। बीजेपी नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार ने किसानों को धोखा दिया। वित्त मंत्री व एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार दो लाख से अधिक बकाया कर्ज वाले किसानों को राहत देने के लिए योजना पर काम करेगी।
यह है प्रस्ताव
सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है, महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्ज माफी योजना के अनुसार, एक अप्रैल 2015 और 31 मार्च 2019 के बीच लिया गया दो लाख रुपये तक का कर्ज और जिसे 30 सितंबर 2019 तक चुकाया न गया हो, वह माफ कर दिया जाएगा। जिन किसानों का फसल कर्ज और पुनर्गठन कर्ज दो लाख रुपये से अधिक है। वे योजना के तहत किसी तरह के लाभ के पात्र नहीं हैं।
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राष्ट्रीयकृत, जिला, सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों से लिए गए कर्ज को माफ करने पर विचार किया जाएगा। जो लोग गैर कृषि क्षेत्र से है आय, पेंशन पर टैक्स देते हैं और जिनकी मासिक आय 25,000 रुपये से अधिक है, उन्हें भी यह लाभ नहीं मिलेगा।