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Mission 2024: INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर आगे नहीं बढ़ रही बात, उद्धव ठाकरे ने नीतीश कुमार से बातचीत में जताई चिंता
Mission 2024: इंडिया गठबंधन की चुनावी तैयारियों को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत की है। चुनाव रणनीति को लेकर ठोस पहल न होने और सीट शेयरिंग का मामला न सुलझने पर चिंता जताई है।
Mission 2024: लोकसभा चुनाव में अब काफी कम वक्त रह गया है मगर इसके बावजूद विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है। विभिन्न राज्यों में सीट शेयरिंग का मुद्दा काफी उलझा हुआ है। क्षेत्रीय दल कांग्रेस को ज्यादा हिस्सेदारी देने के लिए तैयार नहीं है जबकि कांग्रेस भी अधिक सीटों पर दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। इस कारण चुनाव रणनीति बनाने और तैयारी में जुटने का मामला काफी पिछड़ता जा रहा है।
इंडिया गठबंधन की चुनावी तैयारियों को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत की है। इस बातचीत के दौरान उद्धव ठाकरे ने चुनाव रणनीति को लेकर ठोस पहल न होने और सीट शेयरिंग का मामला न सुलझने पर चिंता जताई है। नीतीश कुमार ने भी उद्धव की राय से सहमति जताते हुए चुनावी तैयारियों में तेजी लाने पर जोर दिया है।
उद्धव ने नीतीश से फोन पर की बातचीत
इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक के दौरान विभिन्न दलों की ओर से सीट शेयरिंग का काम जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का तो कहना था कि यह 31 दिसंबर तक यह काम पूरा कर लिया जाना चाहिए मगर जनवरी की शुरुआत हो जाने पर भी मामला जस का तस पड़ा हुआ है। इसके साथ ही साझा रैलियों और अन्य चुनावी कार्यक्रमों को लेकर भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है।
इन मुद्दों को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नीतीश कुमार से फोन पर चर्चा की है। नीतीश कुमार अब जदयू की कमान भी संभाल चुके हैं और ऐसे में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश से बातचीत के दौरान उद्धव ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच अभी तक सीट शेयरिंग पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है। संयोजक की नियुक्ति का काम भी अटका हुआ है और इसके साथ ही साझा रैलियों पर भी कोई फैसला नहीं हो सका है। उद्धव का कहना था कि विपक्षी गठबंधन इस तरह कैसे मजबूत हो सकेगा। उद्धव ने विपक्षी गठबंधन का अभी तक संयोजक नियुक्त न किए जाने पर भी चिंता जताई।
उद्धव की चिंता पर नीतीश ने जताई सहमति
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने उद्धव ठाकरे की बातों पर सहमति जताई। उनका भी मानना था कि चुनावी तैयारियों के मामले में विपक्षी गठबंधन पिछड़ रहा है। नीतीश कुमार का यह भी कहना था कि अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा की जा सकती है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन के पास अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के लिए कांग्रेस की ओर से जो मजबूत पहल होनी चाहिए थी, वह होती हुई नहीं दिख रही है। ऐसे में अब हम लोगों को ही आगे बढ़कर पहल करनी होगी। उद्धव की इस बात पर भी नीतीश कुमार ने सहमति जताते हुए आगे बढ़कर हर मदद के लिए तैयार रहने की बात कही।
कई राज्यों में सीट शेयरिंग का मामला उलझा
दरअसल विपक्षी गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला काफी उलझा हुआ है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग का मामले को लेकर पेंच फंसा हुआ है और इस मुद्दे पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है। क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षाओं के कारण कांग्रेस को इन राज्यों में ज्यादा सीटें मिलने की संभावना नहीं दिख रही है जबकि कांग्रेस इन राज्यों में ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
कांग्रेस की राज्य इकाइयों की ओर से भी पार्टी हाईकमान पर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस कारण सीट शेयरिंग पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसे लेकर विपक्षी दलों के नेता चिंतित भी हैं मगर वे इस दिशा में ठोस पहल नहीं कर पा रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने विपक्षी गठबंधन की रणनीति पर चिंता जरूर जताई है मगर महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर छिड़े घमासान को सुलझाने में उनकी भी ठोस भूमिका नजर नहीं आ रही है।