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Lok Sabha 2024: पाला बदलकर उद्धव ठाकरे करेंगे खेला!
Lok Sabha 2024: उद्धव ठाकरे दिल्ली में इंडिया अलायन्स की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं और इसके भी मायने निकाले जा रहे हैं। इसीके साथ उनके पाला बदलने के मजबूत संकेत हैं।
Lok Sabha 2024: लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में नौ सीटें जीत कर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले उद्धव ठाकरे कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी का साथ पकड़ सकते हैं। उद्धव ठाकरे वाली शिव सेना फिलवक्त इंडिया अलायन्स का हिस्सा है जिसने महाराष्ट्र में बढ़िया प्रदर्शन किया है। लेकिन उनके पाला बदलने के मजबूत संकेत हैं। इससे भाजपा को सीधे तौर पर नौ सीटों का बड़ा फायदा मिल जाएगा।
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने लोकसभा चुनावों में पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की पेशकर भी कर डाली है, सो अगर उद्धव ठाकरे भाजपा के संग आ जाते हैं तो उन्हें राज्य सरकार में बड़ी भूमिका देने की बात भी हो सकती है। उद्धव ठाकरे दिल्ली में इंडिया अलायन्स की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं और इसके भी मायने निकाले जा रहे हैं।
राणा की भविष्यवाणी
बहरहाल, ठाकरे को लेकर चर्चा की शुरुआत महाराष्ट्र के निर्दलीय विधायक रवि राणा ने की थी जिनकी पत्नी नवनीत राणा ने अमरावती से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के हाथों हार गईं। बहरहाल, रवि राणा का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 20 जून तक भाजपा के पाले में वापस आ जायेंगे। 2019 के पहले तक उद्धव ठाकरे भाजपा के कट्टर सहयोगी थे लेकिन एकनाथ शिंदे प्रकरण के बाद इन रिश्तों में दरार पैदा हो गयी थी। वैसे, राणा की भविष्यवाणी चुनाव नतीजे आने के पहले की है। उन्होंने कहा था - मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं। मोदीजी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के 15 दिन बाद, उद्धव ठाकरे मोदी सरकार में और मोदीजी के साथ नजर आएंगे। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी कहा है कि "रवि राणा ने जो कहा है वह आने वाले समय में सच हो सकता है।"
पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी अपने चुनाव अभियान के दौरान कहा भी था कि वह किसी भी समय उद्धव ठाकरे की मदद करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने "बालासाहेब ठाकरे के अपने प्रति प्रेम और स्नेह का हवाला दिया था।
बता दें कि महाराष्ट्र में ‘एमवीए’का गठन 2019 में भाजपा-सेना के विभाजन के बाद हुआ था। इसने भाजपा को सत्ता से दूर रखा और तब तक राज्य पर शासन किया जब तक कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोही शिव सेना गुट ने सरकार को गिरा नहीं दिया।
मोदी ने इस महीने की शुरुआत में उद्धव ठाकरे वाली शिव सेना और शरद पवार वाली एनसीपी गुटों से कांग्रेस के साथ विलय करके मरने की बजाय अपने अलग हुए गुटों में विलय करने का आग्रह किया था। मोदी ने कहा था कि नकली एनसीपी और नकली शिवसेना ने कांग्रेस के साथ विलय करने का मन बना लिया है लेकिन मरने के बजाय, अजित पवार (बागी एनसीपी नेता) और एकनाथ शिंदे (सेना के अलग हुए गुट के प्रमुख) के पास आ जाओ। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह किसी भी समय उद्धव ठाकरे की मदद करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने "बालासाहेब ठाकरे के प्रति अपने प्रेम और स्नेह" का हवाला दिया।