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उद्धव ठाकरे के ऐलान के बाद शिरडी रहेगी बंद

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकासनिधि के ऐलान के बाद शिरडी के लोग नाराज हो गए हैं। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के..

Deepak Raj
Published on: 17 Jan 2020 1:11 PM GMT
उद्धव ठाकरे के ऐलान के बाद शिरडी रहेगी बंद
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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकासनिधि के ऐलान के बाद शिरडी के लोग नाराज हो गए हैं। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के खिलाफ शिरडी बंद का किया ऐलान किया गया है।

विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म जिक्र कभी नहीं किया और न ही साईं चरित्र में इसके बारे में कुछ लिखा हुआ है उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को औरंगाबाद में साईंबाबा के कथित जन्म स्थान पाथरी शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि देने का ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री के फैसले का शिरडी के लोग कर रहे विरोध

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मुख्यमंत्री के इस फैसले का शिरडी के लोग विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वो कोर्ट जाएंगे।

साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांबेकर का कहना है कि साईंबाबा ने कभी भी अपने जन्म, धर्म पंथ के बारे में किसी को नहीं बताया। बाबा सर्वधर्मसमभाव के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे गलत जानकरी दी गई है।

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राष्ट्रपति कोविंद भी साईंबाबा के जन्मस्थान को लेकर बयान दे चुके हैं

खांबेकर का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले साई सत चरित्र का अध्ययन करें और उसके बाद कोई फैसला लें। अशोक खांबेकर ने बताया इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी साईंबाबा के जन्मस्थान को लेकर ऐसा बयान दे चुके हैं।

राष्ट्रपति 1 अक्टूबर 2018 को साईं बाबा समाधि शताब्दी समारोह का उद्धघाटन करने आए थे। उन्होंने भी कहा था कि पाथरी गांव साईबाबा का जन्मस्थान है और इसके विकास के लिए मैं काम करूंगा। उस समय भी राष्ट्रपति के इस वक्तव्य का विरोध किया गया था।

वहीं शिरडी के ग्रामीण कमलाकर कोते का कहना है कि कुछ लोगों का मानना है कि पाथरी बाबा का जन्मस्थान है लेकिन ऐसा कहीं भी लिखा नहीं है। साई चरित्र में भी बाबा के जन्मस्थान, मां-बाप या गुरु धर्म के बारे में लिखा नहीं है और ये सारी बातें सिर्फ तर्क के आधार पर हो रही हैं।

यहां के लोग नहीं मानते हैं कि बाबा का कोई जन्मस्थान है। लोगों का कहना है कि वो मुख्यमंत्री के फैसले के खिलाफ कोर्ट में भी जा सकते हैं।

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