TRENDING TAGS :
अब भारत और अन्य देशों के लिए ब्रिटेन में जॉब पाना मुश्किल, जानिए क्या है कारण
भारत और अन्य देशों के लोगों के लिए बिट्रेन में पढ़ाई और जॉब पाना मुश्किल हो जाएगा। अब ब्रिटेन ने गैर यूरोपीय प्रवासियों की संख्या में कटौती करने की योजना बनाई है। इस योजना की घोषणा मंगलवार को हुई थी।
नई दिल्ली : भारत सहित अन्य देशों के लोगों के लिए बिट्रेन में पढ़ाई और जॉब पाना अब मुश्किल हो जाएगा। ब्रिटेन ने गैर यूरोपीय प्रवासियों की संख्या में कटौती करने की योजना बनाई है। इस योजना की घोषणा मंगलवार को हुई थी।
नए कड़े आव्रजन कानून का असर सबसे ज्यादा भारत पर पड़ेगा। इससे ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत जैसे देशों के पेशेवरो को भर्ती करना मुश्किल हो जाएगा।
ये भी पढ़ें... स्विस गवर्नमेंट एक्सीलेंस स्कॉलरशिप के लिए करें आवेदन, लास्ट डेट 12 नवंबर
ब्रिटेन की गृहमंत्री का क्या कहना है?
-ब्रिटेन की गृहमंत्री अंबर रड ने बर्मिंघम में कंजर्वेटिव पार्टी की वार्षिक कांफ्रेंस में कहा कि उनको आव्रजन में कटौती करने के विकल्पों पर विचार करना होगा।
-उन्होंने बताया कि विदेशों से लोगों को भर्ती करने से पहले कंपनियों की ओर से लिए जाने वाले टेस्ट को कठोर बनाना होगा।
ये भी पढ़ें... APJ इंटरनेशनल यूजी स्कॉलरशिप का नोटिफिकेशन, लास्ट डेट 9 जनवरी 2017
क्या होगा इस टेस्ट का मकसद?
-इस टेस्ट का मकसद ब्रिटिश नागरिकों की नौकरियों को बचाना है।
-इसके अलावा भारत और गैरयूरोपीय देशों से आने वाले लोग ब्रिटेन की लेबर मार्केट में मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए होगा।
ये भी पढ़ें... CBSE का नोटिफिकेशन जारी, इस बार नेट परीक्षा 22 जनवरी 2017 को
आव्रजन जांच जरूरी
-रड ने कहा, 'अगर हम अपने लोगों की कार्यक्षमता को नहीं बढ़ा सकते तो हम दुनिया नहीं जीत सकते।'
-उन्होंने यह भी घोषणा की कि दिसंबर से ऐसे अप्रवासियों को किराए पर घर या संपत्ति देना अपराध माना जाएगा, जिन्हें ब्रिटेन में रहने का कोई हक नहीं है।
ये भी पढ़ें... ये हैं दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज, जानिए इनकी रैंकिंग
-इस मामले में संपत्ति के मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-इसके अलावा जो लोग यहां टैक्सी चलाना चाहते हैं उनके लिए भी आव्रजन जांच जरूरी होगी।
बैंक की भी होगी नियमित जांच
-अगले साल से बैंक भी नियमित जांच करेंगे कि कहीं उन्होंने भी अपनी जरूरी बैंकिंग सेवाओं में अवैध रूप से रह रहे लोगों को तो नौकरी पर नहीं रखा है।
ब्रिटेन में पढ़ने और नौकरी करने वाले भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है।
ये भी पढ़ें... NIRF ने इंडिया रैंकिंग 2016 की घोषणा, जानिए नार्थ इंडिया के टॉप इंस्टिट्यूट्स