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उत्तराखंड: CM रावत ने भूमि अधिग्रहण घोटाले में छह वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड किया
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश में 240 करोड़ रुपए के जमीन अधिग्रहण घोटाला का खुलासा किया है। रावत सरकार का कहना है कि नेशनल हाईवे-74 बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण में करोड़ों का घोटाला हुआ है।
देहरादून: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नेतृत्व वाली सरकार ने 240 करोड़ रुपए के जमीन अधिग्रहण घोटाले का खुलासा किया है। रावत सरकार का कहना है कि नेशनल हाईवे-74 बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण में करोड़ों का घोटाला हुआ है। राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को लेटर लिखा है। छह वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले में संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक
सीएम रावत ने संवादाताओं को कहा कि उधम सिंह नगर जिले में 2011- 2016 के बीच प्रस्तावित एनएच-74 के लिए खेती की जमीन के अधिग्रहण में 240 करोड़ रुपए की गड़बड़ी होने की बात सामने आई है। अहम लोगों को फायदा दिलाने के लिए खेती की जमीन को गैरकृषि भूमि दिखाकर मुआवजे की रकम पर 20 गुना ज्यादा कमाया गया है। साल 2012 से पिछले महीने चुनाव के पहले तक कांग्रेस की सरकार थी।
यह जांच का विषय है
सीएम से जब पूछा गया कि इसके पीछे किस राजनीतिक दल का हाथ हो सकता है, तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है और अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
ये हैं छह वरिष्ठ अधिकारियों
जिन छह वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले में दोषी पाया गया है, उनके नाम दिनेश प्रताप सिंह, अनिल कुमार शुक्ला, सुरेंद्र सिंह जंगपंगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया और एन एस नांग्याल हैं। एक अन्य अधिकारी हिमालय सिंह मारतोलिया के भी इस घोटाले में शामिल होने बात कही जा रही है, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी होगी, क्योंकि वह रिटायर हो चुके हैं।