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BUDGET 2018: उद्योग जगत के लिए कई अहम ऐलान, छोटे कारोबारियों की चांदी

वित्त मंत्री ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसे आगे बढ़ाते हुए जिन कंपनियों का टर्नओवर सालाना 250 करोड़ है, उन्हें भी कॉरपोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश की 99 प्रतिशत बहुत छोटे, छोटे और मछोले उद्योगों को फायदा होगा। वित्त मंत्री ने आयकर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।

priyankajoshi
Published on: 1 Feb 2018 12:21 PM GMT
BUDGET 2018: उद्योग जगत के लिए कई अहम ऐलान, छोटे कारोबारियों की चांदी
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नई दि‍ल्‍ली: वित्त मंत्री ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसे आगे बढ़ाते हुए जिन कंपनियों का टर्नओवर सालाना 250 करोड़ है, उन्हें भी कॉरपोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश की 99 प्रतिशत बहुत छोटे, छोटे और मछोले उद्योगों को फायदा होगा। वित्त मंत्री ने आयकर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।

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वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गरीबों के अलावा उद्योगों के लिए भी कई अहम ऐलान किए। टेक्सटाइल सेक्टर के लिए सरकार ने 6 हजार करोड़ का प्रावधान किया। वहीं बजट में छोटे और मझौले उद्योगों के लिए सरकार ने अलग से 3,994 करोड़ का प्रावधान किया।

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वहीं देश में छोटे उद्योग पनपें और उद्यमिता को बढ़ावा मिले। इसके लिए सरकार ने मुद्रा योजना के तहत तीन लाख करोड़ का प्रावधान किया है। ऐसे में युवा नौकरियां करने के बजाए अपना उद्योग शुरू करके दूसरों को नौकरियां दे सकते हैं।

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वि‍त्‍त मंत्री ने ऐलान कि‍या है कि 2018-19 में 3 करोड़ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नए खाते खोले जाएंगे। वहीं, एमएसएमई के लि‍ए 3,794 करोड़ रुपए का क्रेडिट सपोर्ट का ऐलान कि‍या गया है। वि‍त्‍त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि‍ रोजगार सुजन करना हमारी प्राथमि‍कताओं में शामि‍ल है।

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वहीं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर भी सरकार कोशिश कर रही है। ये बजट में नजर भी आया है। वित्त मंत्री जेटली ने देश में बिजनेस करने में आसानी हो, इसके लिए 370 से ज्यादा सुधार करने की बात कही। ये सभी सुधार उद्योगों से मिले फीडबैक के आधार पर होंगे।

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मुद्रा योजना के तहत सरकार रिफाइनेंस फैसिलिटी का रिव्यू करेगी। माइक्रो, स्‍मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए ऑनलाइन लोन सैंक्‍शन फैसिलिटी में सुधार करने का भी ऐलान कि‍या गया है। MSME को फायदा पहुंचाने के लि‍ए बैड लोन्स की समस्या दूर करेगी सरकार। उन्‍होंने छोटे कारोबारियों के लिए ट्रेड डिस्‍काउंटिंग सिस्‍टम से जोड़ने की भी घोषणा की। साथ ही, वादा किया कि एमएसएमई सेक्‍टर में बढ़ रही एनपीए की समस्‍या का भी समाधान किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि मुद्रा योजना के तहत अब तक 4.6 लाख करोड़ लोगों को लोन दिया गया है, जिसमें 76 फीसदी महिलाएं हैं।

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जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया गया, जिससे एमएसएमई फॉर्मल सेक्‍टर में बदले हैं, जिससे उन्‍हें फाइनेंसिंग की दिक्‍कत नहीं रहेगी। इसके अलावा वि‍त्‍त मंत्री ने स्टार्ट-अप्‍स को फंडिंग मि‍लनेे में दि‍क्‍‍‍‍कत न हो इसके लि‍ए सुधार करने की प्‍लानि‍ंग की जा रही है।

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सरकार का रेवेन्यू 7,000 करोड़ घटेगा

वि‍त्‍त मंत्री जेटली ने कहा कि‍ कॉरपोरेट टैक्स में कमी से 99 फीसदी MSME को फायदा मिलेगा । हालांकि‍ MSMEs को कॉरपोरेट टैक्स में छूट देने से सरकार का रेवेन्यू 7,000 करोड़ रुपए घटेगा। उन्‍होंने बताया कि‍ 250 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों को 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होता है। वहीं, 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा।

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क्‍या थे पि‍छले बजट के एेलान

गौरतलब है कि पिछले बजट 2017-18 में कपड़ा क्षेत्र के साथ चमड़ा और फुटवियर उद्योगों में भी रोज़गार बढ़ाने के लि‍ए योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी। इसके अलावा लेबर एक्‍ट को सरल और तर्कसंगत बनाने का वादा किया गया था, जिसमें सेलरी, इंडस्‍ट्री रिलेटेड, सोशल सिक्‍योरिटी और वेलफेयर, सेफ्टी और वर्क स्‍टेट्स को शामिल किया गया था।

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पिछले बजट में जेटली ने 1 अप्रैल, 2017 से जीएसटी लागू करने की घोषणा की थी। हालांकि, इसे 1 जुलाई 2017 से लागू किया जा सका। इसके अलावा जेटली ने एमएसएमई सेक्‍टर को फाइनेंशियल सपोर्ट देने, डिजिटल ट्रांजैंक्‍शन को प्रमोट करने की घोषणा भी की थी। इसके तहत एमएसएमई सेक्‍टर को बिना किसी गारंटी के 2 करोड़ रुपए तक का लोन देने का वादा किया गया, जो कि पहले 1 करोड़ रुपए था। बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा स्‍कीम का दायरा बढ़ाने की घोषणा की गई और कहा गया कि मुद्रा स्‍कीम में महिलाओं, बेकवर्ड क्‍लास, आदिवासियों और एससी, एसटी को प्रमुखता दी जाएगी।

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पिछले बजट में यह भी घोषणा की गई थी कि 50 करोड़ रुपए के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को इनकम टैक्‍स में 5 फीसदी की छूट दी गई थी, उस समय यह माना गया था कि इससे एमएसएमई सेक्‍टर को फायदा होगा, लेकिन एमएसएमई सेक्‍टर में कंपनी के तौर पर कारोबारियों की संख्‍या काफी कम है और ज्‍यादातर एमएसएमई प्रोपराइटर या पार्टनरशिप फर्म के तौर पर काम करते थे, उन्‍हें इस छूट का लाभ नहीं मिला, जिस कारण एमएसएमई सेक्‍टर को पिछले बजट से निराशा हुई थी।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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