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Budget 2023: वेतनभोगी वर्ग को खुश करने की कोशिश
Budget 2023: ये कोशिश मुख्यतः इनकम टैक्स के जरिये की गयी है। मिडिल क्लास कितना खुश होगा ये अलग बात है क्योंकि पट्रोल-डीजल के दाम, रेल किराया छूट, आदि पर बजट मौन है।
Budget 2023: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले आखिरी पूर्ण बजट में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग या वेतन भोगी वर्ग को खुश करके की कोशिश की है। ये कोशिश मुख्यतः इनकम टैक्स के जरिये की गयी है। मिडिल क्लास कितना खुश होगा ये अलग बात है क्योंकि पट्रोल-डीजल के दाम, रेल किराया छूट, आदि पर बजट मौन है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में कई लक्ष्यों को साधने की कोशिश है। आयकर से छूट की सीमा को दो लाख रुपए और बढ़ा दिया गया है यानी अब पांच लाख की जगह सात लाख की आय पर आयकर रिबेट मिलेगा। इसके अलावा सीनियर सिटीजन्स की टैक्स फ्री बचत सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दी गयी है।
नई टैक्स व्यवस्था
इनकम टैक्स में नई छूट सीमा नई आयकर व्यवस्था के तहत मिलेगी। अब से नई आयकर व्यवस्था ही डिफॉल्ट व्यवस्था रहेगी। यानी रिटर्न भरने के लिए नई व्यवस्था ही सामने आयेगी। हाँ, ये जरूर है कि पुरानी व्यवस्था भी उपलब्ध रहेगी, लेकिन स्पष्ट रूप से विकल्प चुनने पर ही उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार, टैक्स के स्लैबों में भी बदलाव किए गए हैं। पहले ढाई लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगता था, अब तीन लाख तक की आय पर नहीं लगेगा। पहले ढाई से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत टैक्स लगता था, लेकिन अब तीन से छह लाख आय पर पांच प्रतिशत टैक्स लगेगा। आप मान सकते हैं कि नए स्लैबों से सालाना हजारों रुपए की बचत की जा सकेगी। इसे वित्त मंत्री ने गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर लीव इनकैशमेंट पर कर छूट को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार नई कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगियों को 50,000 रुपये की मानक कटौती का विस्तार करने का भी प्रस्ताव करती है। ये सब चुनाव से ठीक पहले टैक्स के दायरे में आने वाले वेतन भोगियों को खुश करने का कदम माना जा रहा है।
पूंजीगत खर्च
सरकारी पूंजीगत खर्च या कैपिटल एक्सपेंडिचर को 33 प्रतिशत बढ़ा कर 10 लाख करोड़ करने की घोषणा की गई है। बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपयों का आबंटन किया गया है। सीतारमण के मुताबिक रेलवे के लिए इतना आबंटन आज से पहले कभी नहीं किया गया। रेलवे में खर्च से रोजगार बढ़ने और रेलवे की सुविधाएँ बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।