Budget 2023: इनकम टैक्स में बड़ी राहत की उम्मीद

Budget 2023: उम्मीद की जा रही है कि कर मुक्त आय सीमा 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 18 Jan 2023 4:24 AM GMT
Union Budget 2023
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Union Budget 2023 (फोटो: सोशल मीडिया )

Budget 2023 Latest Update News: आगामी केंद्रीय बजट 2023 में इनकम टैक्स के संशोधित स्लैब पेश किये जा सकते हैं। हालांकि, अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि कर मुक्त आय सीमा 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।

वर्तमान व्यवस्था

वित्त वर्ष 21 में शुरू किए गए कटौती के बिना विकल्प के तहत, इनकम टैक्स के छह स्लैब हैं : 5 फीसदी, 10 फीसदी, 15 फीसदी, 20 फीसदी, 25 फीसदी और 30 फीसदी। पहले 5 फीसदी, 20 फीसदी और 30 फीसदी के तीन स्लैब थे।

नई कर व्यवस्था के तहत, 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर पूरी छूट है, जबकि 2.5 से 5 लाख के बीच वार्षिक आय पर 5 फीसदी कर लागू होता है। 5 से 7.5 लाख की आय पर 10 फीसदी तथा 7.5 लाख और 10 लाख के बीच की आय पर 15 फीसदी की कर दर लागू होती है। इसके बाद 10-12 लाख पर 20 फीसदी, 12.5-15 लाख पर 25 फीसदी और 15 लाख के ऊपर 30 फीसदी कर लागू होता है। ये व्यवस्था लागू है कि लोग वर्तमान में तय कर सकते हैं कि वे किस दर के तहत कर टैक्स लगाना चाहते हैं।

1 फरवरी को आयेगा बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि सरकार आयकर सीमा बढ़ाएगी और मध्यम वर्ग के करदाताओं के अलावा अन्य लोगों को राहत देगी। वित्त मंत्री ने कहा है कि वह मध्यम वर्ग पर दबाव से वाकिफ हैं।

उम्मीदें

केंद्रीय बजट 2023 से स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी, इनकम टैक्स में राहत, सेक्शन 80 सी में छूट जैसी कुछ उम्मीदें हैं। इनकम टैक्स स्लैब दरों में बदलाव को काफी समय हो चुका है। कर विशेषज्ञों ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि वित्त मंत्री 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में करदाताओं को अधिक डिस्पोजेबल आय देने के लिए कुछ कर कटौती की पेशकश करेंगी। ये कदम खर्च को प्रोत्साहित करेगा और अर्थव्यवस्था को बहुत जरूरी बूस्ट देगा।

2014-15 से नहीं हुआ है बदलाव

वर्तमान में, नई और पुरानी कर व्यवस्था दोनों के तहत मूल छूट सीमा (60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तिगत करदाताओं के लिए) समान है, अर्थात, 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष। ये व्यवस्था वित्त वर्ष 2014-15 से समान है। हालांकि, आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 87ए के तहत छूट के कारण निवासी व्यक्ति की आय 5 लाख प्रति वर्ष (दोनों व्यवस्थाओं के तहत) के बराबर या उससे कम होने पर कोई कर देय नहीं है।

Monika

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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