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Paper Leak Case: UGC-NET परीक्षा रद्द, सीबीआई करेगी मामले की जांच, NTA डीजी को शिक्षा सचिव ने किया तलब
NEET-UG Row: नीट यूजी के विवाद को लेकर गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा सचिव ने NTA के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को तलब किया है।
Paper Leak Case: नीट-यूजी 2024 के नतीजों में हुए कथित धांधली का मामला दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। सरकार ने भी माना है कि इसमें गढ़बड़ी हुई है, इससे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लाने वाले लाखों छात्रों का भविष्य अध में फंस गया है। इस मामले में केंद्र सरकार की खूब फजीहत हो रही है। अभ्यर्थी देश भर में धरनारत हैं। परीक्षा को रद्द कर दोबारा कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई अभ्यर्थियों ने याचिकाएं डाली हुई हैं। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अब 8 जुलाई को सुनवाई करेगा। नतीजों में धांधली के बाद सामने आते ही केंद्र सरकार भी एक्शन में आ गई है। जहां शिक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों ने एनटीए के डीजी के साथ गुरुवार को एक बैठक की तो वहीं, केंद्रीय शिक्षा सचिव ने नीट विवाद के मामले पर NAT के महानिदेशक को तलब किया।
NTA के महानिदेशक तलब, UGC-NET परीक्षा रद्द
नीट यूजी के विवाद को लेकर गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा सचिव ने NTA के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को तलब किया है। बता दें कि महानिदेश इसलिए तबल किया गया है, क्योंकि इसके गठन के बाद एनटीए की देख-रेख में हर साल मेडिकल कॉलेज के दाखिल के लिए नीट की परीक्षा आयोजित होती है। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों ने एनटीए के DG के साथ एक बैठक की। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने बताया कि एनटीए द्वारा 18 जून को आयोजित UGC-NET परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। प्रथम दृष्टया मंत्रालय ने देखा कि परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना थी। मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। परीक्षा की अगली तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी। मामला CBI को सौंप दिया गया है।
NEET-UG 2024 विवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई पर लगी रोक
उधर, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 विवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत अब 8 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगी। कोर्ट ने गुरुवार को 14 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। इन 14 याचिकाओं में 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन ने डाली थीं, जबकि 4 याचिकाएं एनटीए की ओर से डाली गई थीं, जिसमें एनटीए ने मांग की थी कि इस मामले पर हाई कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है, उसे सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
इस कोर्ट ने इन मामलों में उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी, साथ ही ये कहा कि वह काउंसलिंग प्रक्रिया को नहीं रोकेगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र, एनटीए और अन्य से भी जवाब मांगा है। नोटिस नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर जारी किया गया है। बीते दिनों मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए 20 छात्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह मांग की गई थी कि एनटीए और अन्य को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया जाए। परीक्षा से संबंधित अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने 18 जून को कहा था कि परीक्षा कराने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। भले ही किसी भले ही किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत की लापरवाही हुई हो, इससे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए।