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Covaxin: को वैक्सीन को दबाव में जल्द मंजूरी दिए जाने के दावों को सरकार ने बताया 'भ्रामक और झूठा', कंपनी ने ये कहा

Covaxin की मंजूरी को लेकर मीडिया में कुछ भ्रामक खबरों पर आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने जवाब दिया। सरकार ने ऐसी बातों को 'भ्रामक और झूठा' बताया।

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Written By aman
Published on: 17 Nov 2022 2:46 PM GMT
union health ministry and bharat biotech claims that no external pressure to rapidly develop covaxin
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Bharat Biotech Covaxin : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने मीडिया के उन रिपोर्ट्स को गलत बताया जिसमें दावा किया जा रहा था, कि कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) कोवैक्सिन (Covaxin) बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक पर वैक्सीन को तेजी से विकसित करने का बाहरी दबाव था।

आपको बता दें, उन रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि वैक्सीन के लिए हुए क्लिनिकल ट्रायल (Covaxin Clinical Trial) के विभिन्न चरणों में कई अनियमितताएं पाई गई थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा, कि कोरोना वैक्सीन के रूप में कोवैक्सिन (Covaxin)को सरकारी लाइसेंस देने के लिए साइंटिफिक अप्रोच तथा निर्धारित मानदंडों का पालन किया गया है।

भारत बायोटेक ने प्लेटलेट्स कम होने पर ये कहा

इस विवाद और आरोपों पर कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा, 'दुनियाभर में Covaxin की लाखों डोज लगाई जा चुकी है। इसने बहुत अच्छा काम किया। परिणाम संतोषप्रद रहे। इसके नकारात्मक प्रभाव बेहद कम रहे। इतना ही नहीं, भारत बायोटेक ने ये भी कहा, कि 'टीके के कारण मायोकार्डिटिस या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया अर्थात प्लेटलेट के कम होने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।'

आलोचना और नेगेटिव न्यूज़ पर कंपनी ने ये कहा

गौरतलब है कि, कोवैक्सिन (Covaxin)की मंजूरी को लेकर मीडिया में कई नकारात्मक खबरें प्रसारित हुईं। जिसे खारिज करते हुए भारत बायोटेक ने कहा, कि 'वो चुनिंदा लोगों और समूहों के जरिए सामने रखे गए परिणाम की निंदा करती है। कंपनी ने कहा, ऐसे लोगों तथा समूहों की टीका या टीका साइंस (Vaccine Science) में कोई विशेषज्ञता नहीं है। कंपनी के मुताबिक, कोवैक्सिन को तेजी से विकसित करने के लिए किसी प्रकार का बाहरी दबाव नहीं था।

'सभी दबाव आंतरिक थे

भारत बायोटेक ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, कि 'भारत और वैश्विक स्तर पर जीवन तथा आजीविका बचाने की खातिर, कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी टीका विकसित करने के वास्ते सभी दबाव आंतरिक थे।'

सरकार ने रिपोर्ट्स को गलत बताया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी वैक्सीन की मंजूरी को लेकर जवाब दिया है। मंत्रालय ने कहा, मीडिया में छपी ख़बरों के अनुसार इस बात का दावा किया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव की वजह से वैक्सीन को रेगुलेटरी अप्रूवल (Regulatory Approval) देने में जल्दबाजी की गई। ये सभी ख़बरें झूठी, भ्रामक और गलत हैं। सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि, कोरोना वैक्सीन के रूप में कोवैक्सीन इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए साइंटिफिक अप्रोच तथा निर्धारित मानदंडों का पालन किया गया।

जरूरी सूचना के बाद ही मिली मंजूरी

कोवैक्सिन के क्लिनिकल परीक्षण में जिन' अवैज्ञानिक बदलावों' का खबरों में दावा किया जा रहा है, वो भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की तरफ से सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को सूचनाएं देने के बाद उनकी प्रोसेस का पालन करते हुए तथा डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिक्स (DGCI) की मंजूरी से किया गया।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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