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Amit Shah: सिख गुरूओं का उपदेश और बलिदान देश कभी नहीं भूल सकता, बोले- अमित शाह

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 1984 के दंगे कोई भी सभ्य व्यक्ति नहीं भूल सकता। ऐसी नृशंस हत्याएं राजनीतिक इशारे पर की गई। जब तक 2014 में (भाजपा की) सरकार नहीं बनी तब तक एक भी व्यक्ति को एक दिन की जेल तक नहीं हुई थी।

Jugul Kishor
Published on: 13 Oct 2023 8:29 AM GMT
Amit Shah
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (सोशल मीडिया)

Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शुक्रवार (13 अक्टूबर) को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया। इस दौरान गृहमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया।


'कोरोना के दौरान पूरे देश ने सिखों का सेवा भाव देखा था'

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सिख गुरूओं का उपदेश और बलिदान देश कभी भूल नहीं सकता। कोरोना के दौरान पूरे देश ने सिखों की सेवा भाव को देखा था। गुरू ग्रंथ साहिब में सभी धर्मों की अच्छी बातों का समाहित किया गया है। सर्वधर्म समभाव का उदाहरण है। सिख पंथ की 10 पीढ़ियों की गुरु परंपरा ने आक्रान्ताओं के सामने अन्याय और बर्बरता के खिलाफ संघर्ष और बलिदान का उत्कृष्ट उदाहरण दुनिया के सामने रखा।

1984 के दंगो कोई नहीं भूल सकता : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 1984 के दंगे कोई भी सभ्य व्यक्ति नहीं भूल सकता। ऐसी नृशंस हत्याएं राजनीतिक इशारे पर की गई। जब तक 2014 में (भाजपा की) सरकार नहीं बनी तब तक एक भी व्यक्ति को एक दिन की जेल तक नहीं हुई थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एसआईटी बनाई और 300 मामलों को फिर से खोला और दोषियों को जेल में भेजने की शुरूआत हुई। साथ ही इतने सालों के बाद 1984 के दंगों के मामलों में 3328 पीड़ितों के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का काम मोदी सरकार द्वारा किया गया।

अमित शाह ने कहा, गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन में 'चार उदासियां' से कई देशों के अंदर सर्व धर्म सम भाव का उपदेश दिया। कर्नाटक से लेकर मक्का तक उनके चरण मिले हैं। बिना किसी स्वार्थ के प्रेम के संदेश के लिए उस जमाने में पैदल चल कर इतनी यात्रा करने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। सालों पहले जब सभी मजहब अपने-अपने पंथ को लेकर युद्ध लड़ रहे थे, उस दौरान नानक देव साहब से लेकर दशम पिता तक जो उपदेश दिए गये, उन उपदेशों पर आज पूरी दुनिया चल रही है। सिख समुदाय धर्म व कर्म दोनों को समान रूप से लेकर आगे चलता है। धर्म के लिए जान देने की बारी आती है, तो एक सच्चा सिख कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता। देश की आजादी से लेकर आज देश की सुरक्षा तक सिख भाइयों का बलिदान सबसे अधि

मातृ शक्ति को सशक्त करने की परंपरा सिख पंथ में माता खिवी के लंगर की सीख से वर्षों पहले शुरू हुई। मुगलों के शासन के खिलाफ लड़ाई से लेकर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन और स्वाधीनता के संग्राम और अब देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने में सिख पंथ हमेशा अग्रणी है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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