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Special Temple in India: यहां भगवान मिठाई नहीं बल्कि प्रसाद में खाते हैं ये चीजें, जानकर आप भी हो जाएँगे हैरान
Rare temple in India : मंदिरों में, लोग अक्सर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धांजलि के रूप में लड्डू, मिठाई का भोग चढ़ाते हैं, लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जहां भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट का भोग लगाया जाता है ।
अनोखे मंदिर : पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत में तैंतीस कोटि देवी देवता हैं। हर देवी देवता के लिए अलग-अलग भोग यानी प्रसाद की व्यवस्था भी धार्मिक ग्रंथों में दी गई है। हालाँकि इन तैंतीस कोटि के देवी देवताओं के देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के मंदिर मिल जायेंगे। महावीर हनुमान जी की प्रतिमा आपको कहीं लेटी हुई, कहीं पंचमुखी, कहीं उत्तर मुखी, कहीं दक्षिण मुखी, कहीं कड़ी मुद्रा में मूर्ति आपको मंदिर देखने को मिलती हैं। माँ ही कहीं विंध्यवासिनी, कहीं शारदा, कहीं पीतांबर, कहीं ललिता, कहीं तारा, काली के रुप में अधिष्ठित की गई हैं। इसी तरह भागवान शंकर के भी बारह तो लोक शुश्रुत मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी अपनी मान्यता और पौराणिकता है। हर मंदिर के साथ कोई न कोई लोक कथा ज़रूर जुड़ी सुनी जा सकती है। जिनके चलते मंदिर प्रशस्ति पाता है। ऐसे कई अनोखे और अद्वितीय मंदिर हैं, जो विभिन्न कारणों से मशहूर हैं। आइये यहां कुछ अनोखे मंदिरों के बारे में जानते हैं।
केरल का थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर
यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान को लड्डुओं का नहीं अपितु चॉक्लेट का भोग लगया जाता है। मतलब की चॉक्लेट सिर्फ बच्चों को ही नहीं भगवान् को भी पसंद हैं। थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर में भगवान मुरुगन की पूजा की जाती है। यही दक्षिण भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को केरल में मुरुगन के नाम से जाना जाता है। यहां पर इनके बालस्वरूप की पूजा होती है। बालरूप होने के कारण, प्रारंभ में बच्चे मंदिर में चॉकलेट चढ़ाते थे। हालांकि, समय के साथ, बड़े भी धीरे-धीरे भगवान मुरुगन को चॉकलेट का प्रसाद अर्पित करने लगे हैं। आज, इस प्रक्रिया में मंदिर में लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है, और भगवान को पूरी श्रद्धाभावना के साथ चॉकलेट चढ़ाई जाती है।
उज्जैन का बाल केशव मंदिर
बाल केशव मंदिर उज्जैन के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और पुराणों में इसका वर्णन मिलता है। यह मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित है, जिससे इसे और भी पवित्र मन जाता है। मगर यहां प्रसाद के रूप में क्या मिलता है ये जानकर आप हैरान हो जायेंगे। बाल केशव मंदिर में भक्त बाल केशव को ‘शराब’ चढ़ाते हैं और यही शराब भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटी जाती है।
गुवाहाटी का कामाख्या देवी मंदिर
कामाख्या देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है, यहां माता सती की योनि गिरी थी,और इसी को सृष्टि की उत्पत्ति का कारण माना जाता है। कामाख्या देवी मंदिर में माता के मासिक धर्म के दौरान भीगा हुआ कपड़ा प्रसाद के रुप में बांटा जाता है। एक और बात जब देवी माँ रजस्वला होती हैं, तो पुरुषों को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है । उन दिनों सिर्फ महिला पुजारियों या सन्यासियों को ही मंदिर की सेवा करने की अनुमति होती है।
चेन्नई का जय दुर्गा पीठम मंदिर
पडप्पई, चेन्नई में स्थित जय दुर्गा पीठम मंदिर में भक्तों को ‘ब्राउनी, बर्गर, सैंडविच, और चेरी-टमाटर का सलाद’ की शैली में प्रसाद प्रदान किया जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसका प्रसाद FSSAI (भारतीय खाद्य एवं औषधि प्रबंधन संस्थान) से मान्यता प्राप्त है, जिसमें एक्सपायरी डेट भी शामिल होती है। मंदिर में स्थित वेंडिंग मशीन से भक्त टोकन डालकर प्रसाद का डिब्बा प्राप्त कर सकते हैं।
राजस्थान का करणी माता मंदिर
राजस्थान में करणी माता मंदिर एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है जो करणी गाँव, बीकानेर में स्थित है। यह मंदिर माता करणी की पूजा के लिए प्रसिद्ध है और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। करणी माता का मंदिर 25,000 चूहों के कारण प्रसिद्ध है। इन काले और सफेद चूहों को माता की संतान माना जाता है, इसलिए भक्तों को चूहों का झूठा प्रसाद दिया जाता है। बीकानेर में, करणी माता का मंदिर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
कोलकाता का काली माता मंदिर
कोलकाता के टोंगरा मंदिर को चाइनीज काली माता मंदिर भी कहते है। इस क्षेत्र में स्थित काली माता मंदिर में भक्तों को चाइनीज प्रसाद मिलता है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं को 'नूडल्स, चावल और सब्जियों' का भोग चढ़ाया जाता है। यहां के क्षेत्र में चीनी लोगों की अधिकता होने के कारण, इस मंदिर में विशेष रूप से चीनी प्रसाद का वितरण किया जाता है।
तमिलनाडु का अलागार मंदिर
दक्षिण भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन तमिलनाडु के मदुरई में स्थितअलागार मंदिर विशेष रूप से अपने प्रसाद के लिए प्रसिद्ध है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में ‘डोसा’ बांटा जाता है।
केरल का त्रिशूर महादेव मंदिर
केरल के इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में धार्मिक चीजों से जुड़ी सीडी, डीवीडी और किताबें वितरित की जाती हैं। मंदिर के ट्रस्ट का मानना है कि धर्म और ज्ञान के प्रचार और प्रसार से बड़ा प्रसाद और क्या हो सकता है।
उत्तर प्रदेश का शिव मंदिर
भैरव बाबा के मंदिर में शराब चढ़ाने की बातें आपने सुनी होंगी। क्या आपने कभी सुना है कि शिवलिंग का अभिषेक शराब से किया जाता है? शायद नहीं, लेकिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले में एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां भोलेनाथ का अभिषेक शराब से किया जाता है और इसे प्रसाद के रूप में बंदर पीते हैं।
तमिलनाडु का मुनियंडी स्वामी मंदिर
तमिलनाडु के मदुरै ज़िले के वडक्कमपट्टी गाँव में स्थित मुनियंडी स्वामी मंदिर में भक्तों को 'चिकन बिरयानी' का प्रसाद प्रदान किया जाता है। इस मंदिर में हर साल 3 दिन का उत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें भक्तों को चिकन और मटन बिरयानी प्रसाद के रूप में मिलती है।
ये सभी मंदिर अपनी अनूठी स्थापत्य और धारोहर के लिए भी प्रसिद्ध है।