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लश्कर आतंकी सलीम के गाँव में दहशत का माहौल, सदमे में परिजन

Rishi
Published on: 18 July 2017 1:13 PM GMT
लश्कर आतंकी सलीम के गाँव में दहशत का माहौल, सदमे में परिजन
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फतेहपुर : फतेहपुर का बंदीपुर गांव आजकल दहशत में जीने को मजबूर है। ये वही गांव है, जहाँ के सलीम खान को यूपी एटीएस ने मुंबई एयरपोर्ट से आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से संबध होने पर गिरफ्तार किया है। इसके बाद गांव में पुलिस की हलचल के साथ ही मीडिया की दस्तक ने गांव के लोगों को सकते में ला दिया है।

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करीब 9 साल से सलीम यहाँ आया नहीं, और न ही उसने अपने घरवालों से कभी संपर्क किया। इसी लिए गांव के लोग और परिवार वाले उसके बारे में कोई जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।

परिजनों के मुताबिक, वह पांच भाई अलीम, कलीम, मुस्तकीम, आसिफ में सबसे बड़ा था। परिजनों के मुताबिक सलीम ने घर से जाने के बाद कभी मुड़ कर नहीं देखा, कि हम जिंदा हैं या मर गए। बहन की शादी के लिए जमीन बेच दी। पैसे की तंगी के चलते छोटे भाई कलीम का सही से इलाज तक ना हो सका, और वो अब दूसरों के रहमोकरम पर जिंदा है। सलीम की पत्नी नाजमीन इलाहाबाद में किराए का मकान लेकर अपने दो बच्चों को पढ़ाती है। उससे सलीम मिलता है या नहीं ये किसी को नहीं पता।

स्थानीय निवासियों के मुताबिक, सलीम के आतंकी होने की बात तेजी से आसपास फैल गयी है। इससे हमारे लिए मुश्किलें खड़ी होने लगी हैं। सभी हमें शक भरी निगाहों से देखते हैं। यहाँ पुलिस और पत्रकारों से डेरा जमा लिया है, वो सलीम के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मांगते हैं। जब हमें उसके बारे में पता ही नहीं, तो हम क्या बता दें। बच्चे भी डरे हुए हैं। हम अपने घरों में बंद हैं, बच्चे बाहर नहीं निकल रहे।

आपको बता दें, सलीम की तलाश यूपी एटीएस 2008 से कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक सलीम घर छोड़ते समय बता के गया था, कि वो दुबई जा रहा है। लेकिन असल में वो सीमा पार कर पीओके के मुजफ्फराबाद में ट्रेनिंग लेने चला गया था।

सलीम का नाम 2008 में रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमले में सामने आया था। उस हमले के बाद गिरफ्तार हुए आतंकी कौसर और शरीफ ने सलीम के नाम की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को दी थी। उन्होंने बताया था कि सलीम ने मुजफ्फराबाद आतंकी कैंप में उनके साथ ही ट्रेनिंग ली थी।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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