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निवेश करने के मामले में काफी पीछे है उत्तर प्रदेश, हरियाणा आगे- सर्वे
यूपी में 17 साल बाद सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार विकास के लाख दावे करे लेकिन इस राज्य में निवेश का मामला निराशाजनक है ।
लखनऊ: यूपी में 17 साल बाद सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार विकास के लाख दावे करे लेकिन इस राज्य में निवेश का मामला निराशाजनक है ।
हाल में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई कि इस राज्य में निवेश करने को लोग इच्छुक नहीं हैं। स्टेट इंडेक्स पोटेंशियल इंडेक्स, एसआईपीआई, के किए सर्वे में उत्तर प्रदेश को पश्चिम बंगाल से एक स्थान उपर 20वीं पोजिशन पर रखा गया है ।
यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हाल ही में अपनी औधोगिक नीति जारी की है लेकिन इसमें खुश होने की ज्यादा बात नहीं है। सीएम ने औधोगिक और सामाजिक आर्थिक विकास की बात कही है ताकि राज्य में निवेश का वातावरण बन सके और हजारों बेरोजगारों को रोजगार भी मिले । इसके अलावा आधारभूत ढांचे के विकास की बात भी की गई लेकिन खुश होने जैसा कुछ भी नहीं है ।
गुजरात,दिल्ली,आन्ध्रप्रदेश ,हरियाणा ,तेलंगाना और तमिलनाडु छह ऐसे राज्य हैं जहां निवेशक अपना पैसा लगाना चाहते हैं। दिल्ली केंद्र शासित राज्य है लेकिन 21 राज्यों की सूची में दूसरे स्थान पर है। कारण वहां आधारभूत ढांचा ज्यादा मजबूत है । यह और बात है कि वहां राजनीतिक अस्थिरता और अच्छे शासन की कमी है।
हरियाणा और तेलंगाना ने आश्चर्यजनक रूप से 12 और 8 स्थान की छलांग लगाई है। निवेशक इन दो राज्यों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।
बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल निवेश के मामले में नीचे से पहले ,दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं ।
निवेशकों के बिमुख होने का एक कारण इन राज्यों में बड़े पैमाने पर होने वाला भ्रष्टाचार भी है । निवेश के मामले में केरल 7वें ,महाराष्ट्र 8वें ,कर्नाटक 9वें,मध्यप्रदेश 10वें,उडीसा 11वें,उत्तराखंड 12 वें,राजस्थन 13वें,छत्तीसगढ़ 14वें,हिमाचल प्रदेश 15वें ,पंजाब 16वें ,असोम 17वें और झारखंड 18 वें स्थान पर है ।
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