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Assembly Elections 2023: एमपी-राजस्थान में चुनावी नैया पार लगाएंगे यूपी के नेता, बीजेपी नेतृत्व ने दी अहम जिम्मेदारी

Assembly Elections 2023:इन तीनों राज्यों में एमपी-राजस्थान दो हिंदी पट्टी के ऐसे बड़े राज्य हैं, जहां का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। एक में बीजेपी तो दूसरे में कांग्रेस सत्ता में है।

Krishna Chaudhary
Published on: 28 Sept 2023 12:48 PM IST
BJP Assembly Elections 2023
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BJP Assembly Elections 2023  (PHOTO: social media )

Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ रही है। इन राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा सपा और आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं। इन तीनों राज्यों में एमपी-राजस्थान दो हिंदी पट्टी के ऐसे बड़े राज्य हैं, जहां का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। एक में बीजेपी तो दूसरे में कांग्रेस सत्ता में है। मुख्य लड़ाई इन्हीं दो राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के बीच है।

केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी ने इस दोनों सूबों में चुनावी जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ताबड़तोड़ दौड़े के बीच अन्य राज्यों के भाजपा नेताओं को भी मोर्चे पर लगाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में कद्दावर नेताओं को विधानसभा चुनाव का टिकट देकर बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह जरा भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है।

यूपी बीजेपी के नेताओं पर बड़ी जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश दोनों चुनावी राज्यों मध्य प्रदेश और राजस्थान का पड़ोसी राज्य है। यूपी 2014 के बाद से देश की राजनीति में बीजेपी के एक मजबूत किले के रूप में उभरा है। जहां लोकसभा और विधानसभा के लगातार दो चुनावों में पार्टी ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। ऐसे में बीजेपी आलाकमान ने एमपी और राजस्थान की मुश्किल सियासी जंग में यूपी बीजेपी के नेताओं को आजमाने का फैसला किया है। पार्टी ने योगी सरकार के कई मंत्रियों और प्रदेश संगठन के नेताओं को इन दोनों चुनावी राज्यों के मोर्चे पर उतार दिया है।

उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र समेत अन्य सूबों के भाजपा नेताओं को भी चुनाव अभिय़ान में लगाया गया है। लेकिन हिंदी पट्टी के तीसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश में यूपी बीजेपी के नेताओं की पूरी फौज उतार दी गई है। कुछ समय पहले यूपी के सभी बीजेपी विधायकों को एमपी भेजा भी गया था। जहां वे करीब एक सप्ताह रहे और फिर वापस लौटे। जिसके बाद अब सभी नेताओं को जिलेवार जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

किनकी लगी चुनावी ड्यूटी

मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी के बड़े नेताओं को मोर्चे पर लगाया है। सबसे कड़ा मुकाबला भाजपा शासित मध्य प्रदेश में होने जा रहा है, लिहाजा कद्दावर नेताओं की चुनावी ड्यूटी यहां अधिक लगाई गई है। इसके बाद राजस्थान में भी यूपी से आने वाले बीजेपी सांसदों और विधायकों को अहम जिम्मेदारी दी गई है। जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को भोपाल, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सतना, बेबीरानी मौर्य को ग्वालियर ग्रामीण, दिनेश प्रताप सिंह को रायसेन, कपिलदेव अग्रवाल को दमोह, मंत्री दयाशंकर सिंह को बालाघाट, दयाशंकर मिश्र दयालु को दतिया, अनिल राजभर को सिवनी, जेपीएस राठौर को भोपाल चुनाव कार्यालय की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और विधायक पंकज सिंह को विदिशा, सुब्रत पाठक को सागर, लक्ष्मीकांत वाजपेई को रीवा संभाग, सुरेश राणा को सीधी, मुख्तार अब्बास नकवी को खंडवा और एसपी सिंह बघेल को भिंड की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, मंत्री असीम अरूण, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, सांसद संगमलाल गुप्ता, विजयपाल तोमर, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह को राजस्थान में चुनाव अभियान में लगाया गया है।

बीजेपी में कद बढ़ाने का मौका

उत्तर प्रदेश बीजेपी की राजनीति में सबसे अहम स्थान रखती है। क्योंकि यहां लोकसभा चुनाव में तगड़ा प्रदर्शन ही दिल्ली की सत्ता की गारंटी है। ऐसे में यूपी बीजेपी के नेता अपने-अपने जिम्मेदारी वाले इलाके में पार्टी को कामयाबी दिलाने में सफल साबित होते हैं तो निश्चित तौर पर आलाकमान के सामने उनके कद में इजाफा होगा। ऐसे में एमपी-राजस्थान जैसी चुनावी राज्यों में मिली बड़ी जिम्मेदारी यूपी बीजेपी के नेताओं के लिए खुद को साबित करने का एक मौका भी है। वे आलाकमान के इस भरोसे पर कितना खड़ा उतर पाते हैं, ये तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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