लखनऊ : यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2018 में उदयमियों को आमंत्रित करने के लिए मुम्बई के नरीमन पॉइंट स्थित होटेल ट्रायडेंट में आयोजित रोड शो में देश के बड़े उद्योग घराने शामिल हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में निवेश पर उनकी परेशानियों को दूर करने का भरोसा दिलाया। राज्य में उदयोगों को मिलने वाली सहूलियतें गिनाई। निवेश की संभावनाओं से उदयमियों को अवगत कराया गया। कानून-व्यवस्था समेत तमाम स्वीकृतियों में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए किए गए उपायों की जानकारी साझा की गई।
रोड शो में उदयोगपति केके मोदी, अशोक हिंदुजा, टाटा केमिकल्स के प्रबन्ध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर मुकुन्दन, फिल्म निर्माता बोनी कपूर, अनुराग कश्यप, राहुल मित्रा, रणदीप हुड्डा ने शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने समिट का ‘लोगो’ और मोबाइल एप भी लांच किया।
बहरहाल यह समिट अगले साल 21-22 फरवरी को लखनऊ में प्रस्तावित है, ऐसे में इस रोड शो की सफलता प्रस्तावित समिट में आने वाले निवेशकों के उत्साह पर निर्भर करेगी। इसके पहले अखिलेश सरकार में भी निवेशकों को लुभाने के लिए मुम्बई में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई थी। पर उस कसरत से कितने परिणाम जमीन पर उतर सके। इस पर से अब तक पर्दा नहीं उठ सका है।
इनको किया गया था आमंत्रित
राज्य सरकार के सरकारी प्रवक्ता ने गुरूवार को जानकारी दी थी कि इस रोड शो में रिलायन्स इण्डस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, टाटा ट्रस्ट्स् के रतन टाटा, टाटा ग्रुप के एन चंद्रशेखरन, महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा ग्रुप के पवन गोयनका, एस्सेल ग्रुप के सुभाष चंद्रा, हिन्दुजा ग्रुप के अशोक हिन्दुजा, एचडीएफसी लि के दीपक पारेख, बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि के शेखर बजाज, अरविंद ग्रुप के अरविन्द लालभाई, टाॅरेण्ट ग्रुप के सुधीर मेहता, अजंता फार्मा के मधुसूदन अग्रवाल और गीतांजलि ग्रुप के मेहुल चोकसी शामिल होंगे।
मिलेंगी यह सहूलियतें-अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने रोड शो के दौरान बताया कि प्रदेश में निवेश करने वालों को एमओयू पर हस्ताक्षर करने के समय ही अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं स्वीकृतियां मौके पर ही उपलब्ध करा दी जाएंगी।
सरकार उद्योगपतियों से समन्वय स्थापित करते हुए सहयोग करेगी।
-निवेशकों के हितों की रक्षा करेंगे।
-उद्योगपतियों के प्रस्तावों का सिंगिल विण्डो सिस्टम से तेजी से निस्तारण होगा।
-उद्यमियों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
-फरवरी तक सचिवालय में ई-गवर्नेन्स सिस्टम लागू हो जाएगा।
-केंद्र सरकार की ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ के अनुरूप राज्य सरकार ने भी जरूरी कदम उठाए हैं।
-इसके तहत, प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है।
-अनुमोदनों, अनुमतियों और लाइसेंस के लिए सरकार एक समर्पित सिंगल विण्डो पोर्टल विकसित कर रही है। इसकी निगरानी सीएम कार्यालय द्वारा स्वयं की जाएगी।
-‘मेक इन इण्डिया’ की तर्ज पर ‘मेक इन यू0पी0’ विभाग की स्थापना होगी।
-औद्योगिक क्लस्टर व क्षेत्र में समर्पित पुलिस बल तैनात करने का निर्णय भी लिया गया है।